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Monday, 29 June 2020

पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत के बाद से, मंत्रालय द्वारा बैंकों, एमएफआई और एनबीएफसी जैसे विभिन्न ऋणदाताओं के साथ विस्तृत बातचीत की गई है

प्रधानमंत्री स्वनिधि पोर्टल (बीटा संस्करण) की शुरुआत

आवासन एवं शहरी कार्य सचिव, श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने आज पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि, "पीएम स्वनिधि" पोर्टल के बीटा संस्करण की शुरुआत की, इस अवसर पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, बैंकों, भुगतान एग्रीगेटरों के अधिकारीगण और अन्य हितधारक मौजूद थे। डिजिटल प्रौद्योगिकी समाधान की सहायता से, इस पोर्टल में योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए उपयोगकर्ताओं को एकीकृत सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

1 जून, 2020 को पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत के बाद से, मंत्रालय द्वारा बैंकों, एमएफआई और एनबीएफसी जैसे विभिन्न ऋणदाताओं के साथ विस्तृत बातचीत की गई है। प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए, ऋणदाताओं के लिए एक विस्तृत परिचालन दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं, जिन्हें आज जारी किया गया है। यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही, सभी ऋणदाताओं द्वारा इस योजना के कार्यान्वयन को सुचारु रूप से चलाने के लिए अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को विस्तृत परिचालन दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।


सिडबी द्वारा योजना प्रबंधन के लिए एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करने के लिए एक एकीकृत आईटी मंच (pmsvanidhi.mohua.gov.in) विकसित किया जा रहा है, जो योजना कार्यान्वयन के लिए पीएम स्वनिधि का साझेदार है। इस पोर्टल के माध्यम से विभिन्न योजना कार्यों की सुविधा प्रदान की जाएगी जैसे ऋण आवेदन प्रवाह, मोबाइल ऐप, आवेदकों के लिए ई-केवाईसी, यूआईडीएआई, उदयमित्र, एनपीसीआई, पीएआईएसए, ऋणदाताओं, राज्यों, यूएलबी और अन्य हितधारकों के साथ एकीकरण, डिजिटल प्रोत्साहनों की गणना और ब्याज सब्सिडी का भुगतान आदि।

डिजिटल भुगतान एग्रीगेटरों के साथ लाभार्थियों को जोड़कर उन्हें डिजिटल लेन-देन के लिए आकर्षित करना, इस योजना की महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है। मंत्रालय को इन सभी की ओर से उत्कृष्ट प्रतिक्रिया मिली है। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि अमेजनपे, एफटीकैश, एमस्वाइप, पेटीएम, पेस्विफ और फोनपे ने अपने खर्चों को समावेशित करके विक्रेताओं को मुफ्त में इस पटल पर लाने की पेशकश की है। यह उम्मीद की जाती है कि अन्य भी इस व्यवहार का पालन करेंगे।

इसके अतिरिक्त, इस पटल में पहले से शामिल बैंकों के अलावा, पोर्टल में 15 एमएफआई को शामिल किया गया है और आने वाले सप्ताहों में कई अन्य के शामिल होने की उम्मीद है। इसमे कार्यक्षमताओं को जोड़ने के लिए पोर्टल को लगातार अपग्रेड किया जाएगा।

पीएम स्वनिधि पोर्टल 2  जुलाई से स्ट्रीट वेंडरों से ऋण प्राप्ति के लिए आवेदन स्वीकार करना शुरू करेगा, जो प्रत्यक्ष रूप से या सीएससी/यूएलबी/एसएचजी की मदद से आवेदन कर सकते हैं। ई-केवाईसी मॉड्यूल और ऋण आवेदन प्रवाह के साथ मोबाइल ऐप की सुविधा प्रदान की जाती है, जिसका उपयोग ऋणदाताओं और उनके एजेंटों द्वारा आवेदन निर्माण के लिए किया जाता है, उसे इस सप्ताह के दौरान जारी कर दिया जाएगा। विभिन्न ऋणदाताओं के साथ पोर्टल एकीकरण की प्रक्रिया इस सप्ताह के दौरान शुरू हो जाएगी और अगले कुछ सप्ताहों में सभी प्रमुख ऋणदाताओं के साथ इसका एकीकरण पूरा होने की उम्मीद है। स्ट्रीट वेंडरों को संबंधित यूएलबी को प्रत्यक्ष रूप से सिफारिश पत्र (एलओआर) के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाने का मॉड्यूल, 10 जुलाई, 2020 तक तैयार कर लिया जाएगा।

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव ने विश्वास व्यक्त किया कि यह पोर्टल अगले 21 महीनों के दौरान न केवल योजना के कार्यान्वयन को सक्षम बनाएगा बल्कि आने वाले वर्षों में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाएगा, जिससे स्ट्रीट वेंडरों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में मदद मिल सके, जो कि हमारे शहरी पारिस्थितिकी प्रणाली में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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