चीन अपने कुल निर्यात का मात्र 2-3% भारत में निर्यात करता है। चीन के सामानों के निर्यात किए देशों में भारत 20 वें नंबर पर है।
पर भारत अपने कुल आयात का 18-28% तक चीन से आयात करता है और चीन भारत के इंपोर्टर्स की सूची के शिर्ष देशों में है।
इससे समझिए कि भारत के व्यापार की चीन पर निर्भरता अधिक है या चीन की भारत पर निर्भरता अधिक है। भारत में जीवन रक्षक दवाओं का 90% आयात चीन से होता है तो भारत में निर्मित दवाओं के 86% केमिकल और मटेरियल चीन से आते हैं।
बंद करो
भारत से कारोबार खत्म होने पर चीन को करीब 75 अरब डॉलर (5.7 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान पहुंचेगा तो भारत को करीब 18 अरब डॉलर (करीब 1.37 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान उठाना पड़ेगा। क्युँकि भारत चीन से जितना आयात करता है, उसकी तुलना में उसे काफी कम निर्यात करता है।
सबसे महत्वपुर्ण यह है कि चीन से आयात बंद होने की दिशा में भारत की सप्लाई चेन ध्वस्त हो जाएगी , जिससे मेडिकल , इलेक्ट्रानिक और मेकेनिकल क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होंगे।
अब बताईए , टिकटाॅक ही तो डिलीट होगा ?
एक और बात , टिकटाॅक डिलीट होने से जितना नुकसान चीन का होगा उससे 100 गुना नुकसान मोदी जी का होगा।
थोड़ा इंतज़ार तो करिए।
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