80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति 5 किग्रा खाद्यान्न और प्रति परिवार एक किलोग्राम चने का वितरण किया जाएगा
पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत जून में 59.29 करोड़ लाभार्थियों को 29.64 एलएमटी खाद्यान्न का वितरण किया गया
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना :
खाद्यान्न (चावल/गेहूं)
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज राष्ट्र के नाम संबोधन दिया और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का नवंबर, 2020 के अंत तक विस्तार करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पीएमजीकेएवाई योजना का जुलाई से नवंबर, 2020 के अंत तक के लिए विस्तार कर दिया गया है। इस पांच महीने की अवधि के दौरान प्रति परिवार प्रति माह 1 किलोग्राम मुफ्त चना के साथ 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को प्रति माह 5 किग्रा मुफ्त गेहूं/चावल उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार इस योजना के विस्तार पर 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा व्यय करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ की व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, जिससे ऐसे गरीबों को फायदा होगा जो काम की तलाश में दूसरे राज्यों में जाते हैं।
पीएमजीकेएवाई के अंतर्गत, विभिन्न राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों ने अप्रैल-जून अवधि के लिए 116.34 एलएमटी खाद्यान्न का उठान किया है। अप्रैल, 2020 में 74.12 करोड़ लाभार्थियों को 37.06 एलएमटी (93 प्रतिशत) खाद्यान्न का वितरण किया गया; मई, 2020 में 73.66 करोड़ लाभार्थियों को 36.83 एलएमटी (91 प्रतिशत) खाद्यान्न का वितरण किया गया और जून, 2020 महीने में 59.29 करोड़ लाभार्थियों को 29.64 एलएमटी (74 प्रतिशत) खाद्यान्न का वितरण हुआ। भारत सरकार इस योजना के अंतर्गत लगभग 46,000 करोड़ रुपये का 100 प्रतिशत वित्तीय बोझ वहन कर रही है। 6 राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों- पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली और गुजरात को गेहूं का आवंटन किया जा चुका है और शेष राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों को चावल का आवंटन किया गया है।
दालें
दालों की बात करें तो, तीन महीने यानी अप्रैल से जून तक कुल 5.87 एलएमटी की आवश्यकता का अनुमान था। भारत सरकार इस योजना के अंतर्गत लगभग 5,000 करोड़ रुपये का 100 प्रतिशत भार वहन कर रही है। अभी तक, 5.79 एलएमटी दालें राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को भेजी जा चुकी हैं और 5.59 एलएमटी राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों तक पहुंच चुकी हैं, वहीं 4.47 एलएमटी दालों का वितरण किया जा चुका है। 18.06.2020 तक भंडार में कुल 8.76 एलएमटी दालें (तुअर-3.77 एलएमटी, मूंग-1.14 एलएमटी, उड़द-2.28 एलएमटी, चना- 1.30 एलएमटी और मसूड़- 0.27 एलएमटी) उपलब्ध थीं।
प्रवासी कामगारों को खाद्यान्न का वितरण (आत्म निर्भर भारत पैकेज)
आत्म निर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत भारत सरकार ने फैसला किया है कि ऐसे 8 करोड़ प्रवासी कामगारों, फंसे हुए लोगों और जरूरतमंद परिवारों को 8 एलएमटी खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा, जो एनएफएसए या राज्य योजना पीडीएस कार्ड के दायरे में नहीं आते हैं। सभी प्रवासियों को मई और जून महीने के लिए मुफ्त में प्रति व्यक्ति 5 किग्रा खाद्यान्न का वितरण किया किया जा रहा है। राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों ने अभी तक 6.39 एलएमटी खाद्यान्न का उठान किया है। राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों ने मई, 2020 में 121.00 लाख लाभार्थियों जून, 2020 में 91.29 लाभार्थियों को 1,06,141 एमटी खाद्यान्नों का वितरण किया है।
भारत सरकार ने 1.96 करोड़ प्रवासी परिवारों के लिए 39,000 एमटी दालें दिए जाने को भी स्वीकृति दी है। 8 करोड़ ऐसे प्रवासी कामगार, फंसे लोगों और जरूरतमंद परिवारों को मई और जून महीने के लिए प्रति परिवार 1 किग्रा चना/दाल मुफ्त दी जा रही है, जो एनएफएसए या राज्य योजना पीडीएस कार्ड के अंतर्गत कवर नहीं होते हैं। चना/ दाल का आवंटन राज्यों की जरूरतों के आधार पर किया गया था। राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों को लगभग 33,998 एमटी चना/दाल भेजी जा चुकी है। विभिन्न राज्य और संघ शासित क्षेत्रों द्वारा कुल 32,291 एमटी चना का उठान किया जा चुका है। राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों द्वारा 7,263 एमटी चना का वितरण किया जा चुका है। भारत सरकार इस योजना के अंतर्गत खाद्यान्न के लिए लगभग 3,109 करोड़ रुपये और चना के लिए 280 करोड़ रुपये का 100 फीसदी बोझ वहन कर रही है।
खाद्यान्न खरीद
29.06.2020 तक कुल 388.81 एलएमटी गेहूं (आरएमएस 2020-21) और 746.05 एलएमटी चावल (केएमएस 2019-20) की खरीद हो चुकी है।
मुक्त बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस)
ओएमएसएस के अंतर्गत, चावल का मूल्य 22 रुपये प्रति किग्रा और गेहूं का 21 रुपये प्रति किग्रा तय किया गया है। एफसीआई ने लॉकडाउन के दौरान ओएमएसएस के माध्यम से 5.73 एलएमटी गेहूं और 10.12 एलएमटी चावल बेचे हैं।
एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड
1 जून, 2020 तक ‘एक राष्ट्र, एक कार्ड’ योजना 20 राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों- आंध्र प्रदेश, बिहार, दमन एवं दीव (दादर नगर हवेली), गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और त्रिपुरा में लागू हो चुकी है। 31 मार्च, 2021 तक सभी शेष राज्य ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ योजना से जुड़ जाएंगे और इस प्रकार यह योजना पूरे भारत में लागू हो जाएगी। ‘एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड’ के अंतर्गत शेष राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों में योजना का विवरण और स्थिति निम्नलिखित है :-
क्र. सं. | राज्य | ईपीओएस का प्रतिशत | राशन कार्डों की आधार सीडिंग (% में) | योजना से जुड़ने की अनुमानित तारीख |
1 | छत्तीसगढ़ | 98% | 98% | 1 अगस्त, 2020 |
2 | अंडमान और निकोबार | 96% | 98% | 1 अगस्त, 2020 |
3 | मणिपुर | 61% | 83% | 1 अगस्त, 2020 |
4 | नागालैंड | 96% | 73% | 1 अगस्त, 2020 |
5 | जम्मू और कश्मीर | 99% | 100% | 1 अगस्त 2020- से कुछ जिलों में योजना लागू हो जाएगी, और 1 नवंबर, 2020 से पूरे राज्य में लागू हो जाएगी। |
6 | उत्तराखंड | 77% | 95% | 1 सितंबर, 2020 |
7 | तमिलनाडु | 100% | 100% | 1 अक्टूबर, 2020 |
8 | लद्दाख | 100% | 91% | 1 अक्टूबर, 2020 |
9 | दिल्ली | 0% | 100% | 1 अक्टूबर, 2020 |
10 | मेघालय | 0% | 1% | 1 दिसंबर, 2020 |
11 | पश्चिम बंगाल | 96% | 80% | 1 जनवरी, 2021 |
12 | अरुणाचल प्रदेश | 1% | 57% | 1 जनवरी, 2021 |
13 | असम | 0% | 0% |
|
14 | लक्षद्वीप | 100% | 100% |
|
15 | पुडुचेरी | 0% | 100% (डीबीटी) | डीबीटी |
16 | चंडीगढ़ | 0% | 99% (डीबीटी) | डीबीटी |
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