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Friday, 17 July 2020

भारत-अमेरिका रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी: सतत विकास स्तंभ के संयुक्त कार्य समूह की बैठक में, भारत ऊर्जा मॉडल का शुभारंम

भारत-अमेरिका रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी: सतत विकास स्तंभ के संयुक्त कार्य समूह की बैठक में,  भारत ऊर्जा मॉडल फोरम का दो जुलाई को शुभारंमकिया गया


सतत विकास आधार स्तंभ भारत-अमेरिकी रणनीतिक ऊर्जा भागीदारी का एक महत्वपूर्ण आधार है। यह नीति आयोग और यूएसएआईडी की सहअध्यक्षता वाला मंच है जो तीन प्रमुख गतिविधियों के रूप में ऊर्जा डेटा प्रबंधन,ऊर्जा मॉडलिंग प्रबंधन और कम कार्बन उत्सर्जन वाली प्रौद्योगिकियों के सहयोग पर जोर देता है।

2 जुलाई, 2020 को सतत विकास स्तंभ के संयुक्त कार्य समूह की बैठक में,  भारत ऊर्जा मॉडल फोरम का शुभारंभ किया गया।

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में ऊर्जा मॉडलिंग फोरम मौजूद हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में एनर्जी मॉडलिंग फोरम (इएमएफ) की स्थापना 1976 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में सरकार, उद्योग, विश्वविद्यालयों और अन्य शोध संगठनों के प्रमुख मॉडलिंग विशेषज्ञों और नीति  निर्माताओं को एक साथ लाने के लिए की गई थी। यह ऊर्जा और पर्यावरण से संबधित समकालीन मुद्दों पर चर्चा के लिए एक निष्पक्ष मंच प्रदान करता है।

भारत में ऐसा फोरम बनाए जाने के लिए कोई औपचारिक और व्यवस्थित प्रक्रिया नहीं थी। फिर भी, टेरी , आईआरएडीई, सीएसटीईपी, सीईईडब्ल्यू, एनसीएईआर, आदि जैसे विभिन्न थिंक-टैंक / अनुसंधान संगठन लगातार अध्ययन और विश्लेषण के माध्यम से वन,पर्यावरयण और जलवायु परिवर्तन तथा अन्य संबंधित मंत्रालयों और नीति आयोग को इसके लिए आवश्यक इनपुट प्रदान करने में योगदान करते रहे हैं।

इंडिया एनर्जी मॉडलिंग फ़ोरम इस प्रयास को गति देगा और इसका लक्ष्य होगा:

 

  • महत्वपूर्ण ऊर्जा और पर्यावरण से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करना;
  • निर्णय लेने की प्रक्रिया से भारत सरकार को अवगत कराना ;
  • मॉडलिंग टीमों, सरकार और ज्ञान के भागीदारों और वित्त पोषकों  के बीच सहयोग में सुधार;
  • विचारों के आदान-प्रदान को सुगम बनाना, उच्च गुणवत्ता वाला अध्ययन सुनिश्चित करना ;
  • विभिन्न स्तरों पर और विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान के बीच परस्पर कमी की पहचान करना;
  • और भारतीय संस्थानों की क्षमता बढ़ाने में मदद करना

शुरुआती स्तर पर नीति आयोग मंच की गतिविधियों का समन्वय करेगा और इसकी शासकीय संरचना को अंतिम रूप देगा। फोरम में ज्ञान साझेदार, डेटा एजेंसियां ​​और संबंधित सरकारी मंत्रालय शामिल होंगे।

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