पीएमजीकेएवाई-II के लिए आवंटित 200.19 एलएमटी अतिरिक्त खाद्यान्न सहित भारत सरकार द्वारा 5 महीनों के दौरान समाज के कमजोर वर्गों को वितरित किए जाने वाले खाद्यान्न की कुल मात्रा लगभग 455 एलएमटी होगी। एनएफएसए और एएवाई के तहत प्रत्येक लाभार्थी को सब्सिडी वाले कीमतों पर अपने नियमित रूप से मिलने वाले खाद्य अनाज के कोटा के अलावा 5 किलोग्राम गेहूं या चावल बिल्कुल मुफ्त मिलेगा।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) व्यापक और विस्तृत लॉजिस्टिक प्लानिंग पहले ही कर चुका है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन 5 महीनों में आवंटन के अनुसार खाद्यान्न स्टॉक देश के हर हिस्से तक पहुँच सके। यह एक बड़ी चुनौती है क्योंकि यह सामान्य आवंटन से दोगुना है और मौजूदा भंडारण क्षमता और परिवहन की व्यवस्था नियमित आवंटन के अनुसार ही है। हालांकि, एफसीआई इस चुनौती के लिए पूरी तरह से तैयार है और अनाज वितरित करने की इसकी क्षमता लॉकडाउन अवधि के दौरान की सबसे कठिन परिस्थितियों में पहले ही देखी जा चुकी है जब लॉजिस्टिक संचालन के संदर्भ में नए रिकॉर्ड बनाए गए थे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आवंटन के अनुसार देश के हर कोने तक खाद्यान्न पहुंचे और सरकार के उस घोषित उद्देश्य को हासिल कर लिया जाएगा जिसमें कहा गया है कि किसी भी गरीब व्यक्ति को भोजन के अभाव में भूखा नहीं रहना पड़ेगा।
एफसीआई ने चालू सत्र के लिए खरीद का काम पहले ही पूरा कर लिया है और गेहूं तथा चावल दोनों की खरीद में नए रिकॉर्ड बनाए हैं। हाल ही में समाप्त फसल सीजन में एफसीआई ने कुल 389.76 एलएमटी गेहूं और 504.91 एलएमटी चावल की खरीद की है। मॉनसून के वर्तमान रुझान को देखते हुए, 2020-21 के आगामी खरीफ सीजन के भी अच्छा होने की उम्मीद है।
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