भारतीय गोल्फर अर्जुन अटवाल की विनधैम चैंपियनशिप में 10 साल पहले खिताब जीतने की यादें अब भी ताजा हैं और वह इस हफ्ते होने वाले टूर्नामेंट में एक बार फिर खिताब जीतने के इरादे से उतरेंगे।
यूरोपीय चैंपियनशिप टूर
(2002) पर जीतने दर्ज करने वाले पहले भारतीय और कोर्न फैरी टूर (तत्कालीन
नेशनवाइड टूर, 2008 में) में जीत दर्ज करने वाले पहले भारतीय अटवाल 2010
में विनधैम चैंपियनशिप जीतकर पीजीए टूर पर जीत दर्ज करने वाले पहले भारतीय
बने थे।
वह 2003 में एशियाई टूर में 10 लाख डॉलर की इनामी राशि के
आंकड़े को छूने वाले पहले भारतीय बने थे और 2004 में पीजीए टूर कार्ड हासिल
करने वाले भी पहले भारतीय थे।
अटवाल को 50 बरस को होने में तीन साल हैं लेकिन अटवाल नई चुनौती के लिए तैयार हैं और वह है 50 साल से अधिक का चैंपियन्स टूर।
अटवाल ने कहा, ‘‘मैं चैंपियन्स टूर पर जीत दर्ज करने वाला भी पहला भारतीय बनना चाहता हूं।’’
अटवाल 2010 में विनधैम में सोमवार को होने वाले क्वालीफायर के जरिए
मुख्य टूर्नामेंट में पहुंचे थे और बाद में खिताब जीता था जो पीजीए टूर पर
कभी कभार की देखने को मिलता है।
उन्होंने कहा, ‘‘वह (विनधैम चैंपियनशिप जीतना) शानदार था। ’’
अटवाल को इस साल प्रायोजक की छूट पर 13 अगस्त से शुरू होने वाले टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला है।
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