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Friday, 9 October 2020

भीमा-कोरेगांव मामला: एनआईए ने सीपीआई के स्टेन स्वामी को किया गिरफ्तार

 राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भीमा कोरेगांव मामले में सीपीआई (माओवादी) के एक सदस्य फादर स्टेन स्वामी को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी एनआईए ने रांची, झारखंड से की है। स्वामी के पास से सीपीआई की प्रचार सामग्री और एक सहयोगी से धन प्राप्त करने के दस्तावेज मिले हैं।

एनआईए ने शुक्रवार को बताया कि फादर स्टेन स्वामी को रांची के नामकुम स्थित बगीचा टोली से गुरुवार की शाम गिरफ्तार किया गया है। स्वामी पर करीब दो साल पहले महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या की साजिश रचने में संलिप्तता का आरोप है। पहले इस मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस कर रही थी और उसने 28 अगस्त, 2018 को स्वामी के आवास की तलाशी ली थी। उस समय उसके पास से एक लैपटॉप, पेन ड्राइव, सीडी और मोबाइल सहित कई दस्तावेज बरामद हुए थे।

 


 

जनवरी, 2020 में यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया। एनआईए ने इसी साल 06 अगस्त को स्टेन स्वामी के आवास पर छापा मारा। करीब ढाई घंटे तक छानबीन की और लंबी पूछताछ भी की थी। एनआईए का आरोप है कि खुद को मानवाधिकार कार्यकर्ता बताने वाले फादर स्टेन स्वामी और उनके साथियों के भड़काऊ भाषण के बाद ही 1 जनवरी, 2018 को भीमा-कोरेगांव में हिसा भड़की थी। इससे एक दिन पहले पुणे में यलगार परिषद के बैनर तले एक रैली हुई थी। इसी रैली में हिसा भड़काने की भूमिका बनाई गई थी। इससे संबंधित साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।

30 साल से झारखंड में रह रहा आरोपित :
विस्थापन विरोधी आंदोलन के संस्थापक सदस्यों में से एक फादर स्टेन स्वामी का जन्म तमिलनाडु में हुआ है। वह एक पादरी कहे जाते हैं लेकिन अब चर्च में नहीं रहते। स्वामी की शुरुआती शिक्षा चेन्नई में हुई। उसके बाद वह फिलीपींस चले गए। कई देशों की यात्राएं कीं। वहां से भारत लौटने के बाद इंडियन सोशल इंस्टीट्यूट बेंगलुरु के साथ काम किया। उसके बाद इधर करीब 30 साल से स्वामी झारखंड में रहकर आदिवासियों-मूलवासियों के मसलों पर आवाज उठाते रहे हैं।

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