पश्चिम बंगाल में बैरकपुर के विधायक शीलभद्र दत्ता ने शुक्रवार को तृणमूल
कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। पिछले 24 घंटे में तृणमूल कांग्रेस को यह
तीसरा बड़ा झटका लगा है।
दत्ता दो बार विधायक रह चुके हैं। दत्ता ने
बताया कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को ईमेल कर अपना
इस्तीफा भेज दिया है। दत्ता के इस्तीफे से ऐसी अटकलें तेज हो गई हैं कि वह
भी उन नेताओं की जमात में शामिल हो सकते हैं जो या तो भाजपा में शामिल हो
चुके हैं या आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भगवा पार्टी में शामिल होने के
इच्छुक हैं।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मौजूदा
परिदृश्य में मैं पार्टी में फिट नहीं हो पा रहा था। लेकिन मैं विधायक पद
से इस्तीफा नहीं दूंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विधायक पद से मुझे इस्तीफा क्यों देना चाहिए? मैं
लोगों के वोट की बदौलत जीता हूं। अगर मैं चला जाता (इस्तीफा दे देता) हूं
तो वे कहां जाएंगे?’’
पिछले कुछ महीने से दत्ता चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर और पार्टी के मामलों में उनके दखल को लेकर विरोध कर रहे थे।
दत्ता
एक समय मुकुल रॉय के करीबी रह चुके हैं। रॉय तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा
में शामिल हो गए थे। दत्ता ने तृणमूल कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं के
खिलाफ भी बयान दिया है।
तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शुभेंदु
अधिकारी ने बृहस्पतिवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले
उन्होंने राज्य सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
अधिकारी के बाद पांडवेश्वर के विधायक और आसनसोल नगर निगम के प्रमुख
जितेंद्र तिवारी ने भी पार्टी छोड़ दी। चर्चा है कि वह भाजपा में शामिल हो
सकते हैं।
पूर्व मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भी तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने की घोषणा की है।
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