केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर
शनिवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश के युवा उनके
करिश्माई नेतृत्व में एकजुट थे जिससे आजादी के लिए भारत के संघर्ष को नई
ताकत मिली।
शाह ने हिन्दी में कई ट्वीट किए जिनमें कहा,
‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निर्णय किया है कि सुभाष बाबू की 125वीं
जयंती को देशभर में पराक्रम दिवस के रूप में बहुत उत्साह से मनाया जाएगा।
जिससे देश की आजादी के लिए नेताजी के योगदान से बच्चे व युवा राष्ट्रसेवा
की प्रेरणा लेकर आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपना योगदान दे सकें।’’
उन्होंने आगे ट्वीट किया, ‘‘नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के साहस और
पराक्रम ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई शक्ति प्रदान की। उन्होंने
विपरीत परिस्थितियों में अपने करिश्माई नेतृत्व से देश की युवाशक्ति को
संगठित किया। स्वतंत्रता आन्दोलन के ऐसे महान नायक की 125वीं जयंती पर
उन्हें कोटि-कोटि नमन।’’
असम और मेघालय के दो दिवसीय दौरे पर गए गृह मंत्री ने गुवाहाटी में बोस के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘सुभाष बाबू के अन्दर असीम साहस और
अनूठी संकल्प शक्ति का अनंत प्रवाह विद्यमान था। उनके अद्भुत व्यक्तित्व और
ओजस्वी वाणी ने लोगों के हृदय में स्वतंत्रता का ज्वार उत्पन्न किया। उनका
जीवन देश के युवाओं के लिए एक आदर्श है।’’
शाह ने कहा, ‘‘सम्पूर्ण राष्ट्र नेताजी के पराक्रम और अविरल
संघर्ष के लिए सदैव ऋणी रहेगा। उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में
मनाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें एक अभूतपूर्व श्रद्धांजलि दी
है। समस्त देशवासियों को पराक्रम दिवस की शुभकामनाएं देता हूँ।’’
भारत सरकार ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती, 23 जनवरी को ‘‘पराक्रम
दिवस’’ के रूप में मनाने की घोषणा की है। केंद्र सरकार के संस्कृति
मंत्रालय ने नेताजी की 125वीं जयंती पर देश भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन
किया है।
No comments:
Post a Comment