कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट को
‘एक फीसदी लोगों का बजट’ करार दिया और सवाल किया कि रक्षा खर्च में
भारी-भरकम बढ़ोतरी नहीं करके देश का कौन सा भला किया गया और ऐसा करना कौन
सी देशभक्ति है?
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को चीन को स्पष्ट संदेश देना होगा।
कांग्रेस नेता ने बजट को लेकर संवाददाताओं से कहा, ‘‘ उम्मीद थी कि सरकार
देश के 99 फीसदी लोगों को सहयोग देगी। लेकिन यह बजट सिर्फ एक फीसदी आबादी
का बजट है। हमारे किसानों, मजदूरों, मध्य वर्ग, छोटे कारोबारियों और
सशस्त्र बलों से पैसे छीनकर कुछ उद्योगपतियों की जेब में डाल दिया गया।’’
राहुल गांधी के मुताबिक यदि अर्थव्यवस्था को गति देना है तो खपत
बढ़ानी होगी। आपूर्ति पर जोर देने से यह नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यदि
सरकार ने ‘न्याय’ योजना जैसा कदम उठाया होता तो अर्थव्यवस्था पटरी पर आ
सकती थी।
बजट में रक्षा खर्च में भारी-भरकम बढ़ोतरी नहीं होने का
उल्लेख करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘चीन भारत के
अंदर है और हजारों किलोमीटर कब्जा किए हुए है। ऐसे में आप बजट में चीन को
संदेश दे रहे हैं कि आप अंदर आ सकते हैं और कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन हम
अपनी सेना को सहयोग नहीं देंगे। हमारे जवानों को यह लग रहा होगा कि हमारे
सामने इतनी बड़ी कठिनाई है, लेकिन सरकार पैसे नहीं दे रही है और हमारा पैसा
कुछ लोगों को दे रही है। इससे देश को फायदा नहीं होने वाला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे जवानों की प्रतिबद्धता 100 फीसदी है और
ऐसे में सरकार की प्रतिबद्धता भी 110 फीसदी होनी चाहिए। जो भी हमारे जवानों
को चाहिए, वो उन्हें मिलना चाहिए। ये कौन सी देशभक्ति है कि सेना को पैसे
नहीं दिए जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला
सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश किए गए आम बजट में रक्षा क्षेत्र के
लिए 4.78 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जिसमें पेंशन के भुगतान
का परिव्यय भी शामिल है। पिछले साल यह राशि 4.71 लाख करोड़ रुपये थी।
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