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Friday, 5 February 2021

‘‘स्वास्थ्य अनुसंधान के लिये अधिक आवंटन का प्रस्ताव रखा जाएगा वित्त मंत्रालय के समक्ष’’

 भारत में निर्मित कोविड-19 के दो टीकों के साथ देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण प्रारंभ होने के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक संसदीय समिति को बताया कि स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग की योजनाओं और आईसीएमआर की अनुसंधान गतिविधियों के लिये अधिक आवंटन का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के समक्ष रखा जायेगा।

संसद में पेश स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय संबंधी संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट में अनुसंधान गतिविधियों के लिए कम राशि का आवंटन होने की ओर सरकार का ध्यान दिलाया गया था। इसकी रिपोर्ट में कहा गया कि समिति स्वास्थ्य अनुसंधन विभाग/भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के विभिन्न घटकों के तहत प्रस्तावित मांग के सापेक्ष 2020-21 के दौरान कम बजटीय आवंटन पर गंभीर चिंता व्यक्त करती है।

इसमें कहा गया है कि विभिन्न योजनाओं के लिये 305.50 करोड़ रूपये की प्रस्तावित मांग के सापेक्ष बजट अनुमान 2020-21 में वास्तविक आवंटन 262.29 करोड़ रूपये है। इस प्रकार से 43.21 करोड़ रूपये की कमी रह गई है।

इसी प्रकार से आईसीएमआर एवं अन्य की 2,465.22 करोड़ रूपये की प्रस्तावित मांग के सापेक्ष बजट अनुमान 2020-21 में वास्तविक आवंटन 1,795.71 करोड़ रूपये है। इस प्रकार से 669.51 करोड़ रूपये का विचारणीय बजटीय अंतर रह गया है।

रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) सचिवालय व्यय के लिये 42 करोड़ रूपये का राजस्व परिव्यय है। डीएचआर के लिये 2,812.72 करोड़ रूपये की अनुमानित मांग की तुलना में बजट आकलन 2020-21 में केवल 2,100 करोड़ रूपये निर्धारित किये गये हैं। इस प्रकार से अनुमानित मांग और आवंटन में 712.72 करोड़ रूपये का भारी वित्तीय अंतर है।

समिति ने कहा, ‘‘योजनाओं के तहत आवंटन में कमी से नई विषाणु अनुसंधान और नैदानिक प्रयोगशालाओं, चिकित्सा महाविद्यालयों में बहुविषयक अनुसंधान इकाइयों, राज्यों में मॉडल ग्रामीण स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना और मानव संसाधन एवं क्षमता विकास योजनाओं के तहत परियोजनाओं का वित्त पोषण गंभीर रूप से प्रभावित होगा।’’

रिपोर्ट में कहा गया कि समिति स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को वित्त वर्ष 2020-21 के लिये किये गए अपर्याप्त बजटीय आवंटन पर चिंता प्रकट करती है।

रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग की योजनाओं और आईसीएमआर की अनुसंधान गतिविधियों के लिये अधिक आवंटन करने की आवश्यकता को संशोधित अनुमान (आरई) चरण में वित्त मंत्रालय के समक्ष रखा जायेगा।


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