कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर फिर निशाना साधा और आरोप लगाया कि इस बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के साथ विश्वासघात किया गया है।
उन्होंने ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री मोदी का पूंजीपति
केंद्रित बजट का मतलब यह है कि संघर्ष कर रहे एमएसएमई को कम ब्याज पर कर्ज
नहीं मिलेगा और जीएसटी में राहत भी नहीं दी जाएगी।"
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भारत में सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाले क्षेत्र एमएसएमई के साथ विश्वासघात हुआ है ।
राहुल गांधी ने बुधवार को आम बजट को ‘एक फीसदी लोगों का बजट’ करार दिया था
और सवाल किया था कि रक्षा खर्च में भारी-भरकम बढ़ोतरी नहीं करके देश का
कौन सा भला किया गया और ऐसा करना कौन सी देशभक्ति है?
उन्होंने कहा था, ‘‘हमारे जवानों की प्रतिबद्धता 100 फीसदी है और
ऐसे में सरकार की प्रतिबद्धता भी 110 फीसदी होनी चाहिए। जो भी हमारे जवानों
को चाहिए, वो उन्हें मिलना चाहिए। ये कौन सी देशभक्ति है कि सेना को पैसे
नहीं दिए जा रहे हैं।"
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को
संसद में पेश किए गए आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.78 लाख करोड़ रूपये
का प्रावधान किया गया है जिसमें पेंशन के भुगतान का परिव्यय भी शामिल है।
पिछले साल यह राशि 4.71 लाख करोड़ रुपये थी।
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