उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में घटे चर्चित बिकरु कांड में सोमवार को एसटीएफ ने खुलासा किया है। इस कांड के मुख्य आरोपित एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे की मदद करने वाले सात मददगारों व पनाहगारों को गिरफ्तार करने का दावा किया गया है। इनके कब्जे से असलहों का जखीरा बरामद हुआ है।
प्रदेश
की स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमिताभ यश
ने सोमवार को कानपुर के एसटीएफ कार्यालय में प्रेसवार्ता कर इसकी पुष्टि
करते हुए बताया है कि विकास दुबे की मदद करने वाले सात मददगार को गिरफ्तार
किया गया है। इनमें कानपुर देहात निवासी विष्णु कश्यप, अमन शुक्ला, रामजी
उर्फ राधे, अभिनव तिवारी, मध्य प्रदेश के मनीष यादव और कानपुर देहात के
संजय परिहार, शुभम पाल को गिरफ्तार किया गया है।
इन
सभी को कानपुर एसटीएफ यूनिट के क्षेत्राधिकारी तेज बहादुर सिंह व
इंस्पेक्टर के नेतृत्व वाली 14 सदस्यीय टीम ने काफी प्रयासों के बाद कानपुर
के पनकी थाना इलाके, कानपुर देहात में समेत तीन जगहों से दबिश देकर पकड़ा
गया है। इनकी निशानदेही पर भारी मात्रा में असलहों जखीरा बरामद किया गया
है।
शिवली नदी तक पैदल पहुंचा था विकास
यूपी
एसटीएफ के एडीजी ने बताया कि मोस्ट वांटेंड विकास दुबे के गिरोह में
अत्याधुनिक असलहों से लैस थे। उन्होंने बताया कि बिकरु कांड के बाद विकास
समेत गिरोह के खास सदस्य पैदल ही भाग निकले थे। इनमें विकास के साथ
विश्वासपात्र अमर दुबे, प्रभात मिश्रा साथ थे। यह तीनों घटना के बाद शिवली
नदी के पास पहुंचे और उन्होंने रमेश को बुलाया। रमेश कार आया और तीनों को
लेकर कानपुर देहात के रसूलाबाद पहुंचा। यहां पर पुलिस की पकड़ से बचने के
लिए तीन दिन तक जगह बदल-बदलकर रहा और फिर औरैया के रास्ते से सीधे फरीदाबाद
निकल गया। औरैया तक तीनों साथ थे और फिर उन्होंने योजना के तहत अलग-अलग
हुए और फिर विकास फरीदाबाद होता हुआ मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित
महाकालेश्वर मंदिर पहुंचा था। जहां से वह पुलिस की गिरफ्त में आया था।
अमेरिकी राइफल सहित गिरोह के पास थे भारी मात्रा में कारतूस
एसटीएफ
के एडीजी ने बताया कि घटना के बाद विकास को शरण व भागने में मदद करने
वालों के पास ही असलहों को छोड़ दिया गया था। इन असलहों की जानकारी पर
एसटीएफ की टीमें बरामद करने में जुटी हुई थी। कानपुर इकाई की एसटीएफ टीम ने
सात शरणदाताओं को पकड़ा है, इनके कब्जे से एसटीएफ को एक अमेरिकी सेमी
ऑटोमैटिक राइफल, 9 एमएम कार्बाइन, एक रिवॉल्वर, 315 बोर के तमंचे, एके-47
के कारतूस, स्प्रिंग फील्ड राइफल समेत करीब 132 कारतूस बरामद किए हैं।
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