कर्नाटक में बेंगलुरु की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा को 10 साल पहले एक टेलीविजन साक्षात्कार में नंदी इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर एंटरप्राइजेज (एनआईसीई) के खिलाफ "अपमानजनक बयान" के लिए कंपनी को हर्जाने के रूप में दो करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
आठवें
नगर दीवानी एवं सत्र न्यायाधीश मल्लनगौडा ने एनआईसीई द्वारा दायर मुकदमे
पर यह निर्देश दिया है। कंपनी के प्रवर्तक और प्रबंध निदेशक अशोक खेनी हैं,
जो बीदर दक्षिण के पूर्व विधायक हैं।
एक कन्नड़ समाचार चैनल पर 28
जून 2011 को प्रसारित साक्षात्कार का उल्लेख करते हुए, अदालत ने अपमानजनक
टिप्पणियों के कारण कंपनी की प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए देवेगौड़ा को
कंपनी को दो करोड़ रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया है।
जनता
दल (सेकुलर) प्रमुख ने एनआईसीई परियोजना पर निशाना साधा था और उसे ‘लूट’
बताया था। अदालत ने कहा कि जिस परियोजना पर सवाल किए गए, उसे कर्नाटक उच्च
न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्णयों में बरकरार रखा है।
अदालत
ने 17 जून के अपने फैसले में कहा कि कंपनी की परियोजना बड़ी है और कर्नाटक
के हित में है। अदालत ने कहा, “ अगर भविष्य में इस तरह के अपमानजनक बयान
देने की अनुमति दी जाती है, तो निश्चित रूप से, कर्नाटक राज्य के व्यापक
जनहित वाली इस जैसी बड़ी परियोजना के कार्यान्वयन में देरी होगी।”
उसने कहा, “ अदालत को लगता है कि प्रतिवादी के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा जारी करके ऐसे बयानों पर अंकुश लगाना जरूरी है। ”
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