पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर मांग बढ़ाने के उपाय करने का आग्रह किया है
और कहा कि आपूर्ति पक्ष की नीतियां विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने में
‘‘विफल’’ रही हैं।
उन्होंने चार पृष्ठ के पत्र में कहा कि सकल
स्थायी पूंजी निर्माण, जो 2019-20 की पहली तिमाही में 12.3 लाख करोड़ रुपये
था, चालू वित्त वर्ष की इसी अवधि में गिरकर 10.2 लाख करोड़ रुपये रह गया
है - ‘‘आपके कई पैकेज और कॉरपोरेट कर में कटौती के बावजूद निवेश में 2.1
लाख करोड़ रुपये की गिरावट हुई।’’
मित्रा ने कहा, ‘‘मैं आपका ध्यान उस गहरे संकट की ओर आकर्षित करना
चाहता हूं, जिसका सामना आज हमारे देश के आम लोग कर रहे हैं। यह संकट आने
वाले वर्ष में और गहरा होने की आशंका है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी विडंबना यह है कि आपकी सरकार के प्रचारक
2021-22 की पहली तिमाही की वृद्धि पर गर्व कर रहे हैं, जिसे
अर्थशास्त्रियों ने पूरी तरह भ्रामक पाया है और अन्य विशेषज्ञों ने इसे
मृगतृष्णा कहा है।’’
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि
दर बढ़कर 20.1 प्रतिशत हो गई, जिसे एक साल पहले की समान अवधि के बेहद कम
आधार का लाभ मिला, जब जीडीपी में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले महीने (अगस्त 2021) में बेरोजगारी दर फिर से बढ़कर
8.32 प्रतिशत (भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार) हो गई है, जिसका अर्थ है
कि आज 3.6 करोड़ लोग बेरोजगार हैं ... यह संख्या ऑस्ट्रेलिया की पूरी आबादी
का डेढ़ गुना है।’’
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