चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में विनिर्माण गतिविधियों के परिदृश्य में
उल्लेखनीय सुधार हुआ है। हालांकि, इस दौरान कारोबार करने की और उत्पादन की
लागत बढ़ी है। उद्योग मंडल फिक्की के एक सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया
है।
फिक्की के विनिर्माण पर ताजा तिमाही सर्वे के अनुसार, उद्योग के
लोगों का कहना है कि ऊंची निश्चित लागत, सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित करने
के लिए ऊंचे ऊपरी खर्च की वजह से उत्पादन की लागत बढ़ी है। वहीं लॉकडाउन की
वजह उत्पादन में भारी गिरावट आई है।
सर्वे में कहा गया है कि
क्षमता के कम इस्तेमाल, ढुलाई शुल्क में बढ़ोतरी और अन्य लॉजिस्टिक्स
खर्चों, कच्चे माल, बिजली की लागत में बढ़ोतरी तथा ऊंची ब्याज दरों की वजह
से भी कुल लागत बढ़ी है।
सर्वे में कहा गया है कि सुस्त पहली
तिमाही (अप्रैल-जून) के बाद दूसरी जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए परिदृश्य में
उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
हालांकि, सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों का कहना है कि उनके कारोबार और उत्पादन की लागत में बढ़ोतरी हो रही है।
निर्यात के मोर्चे पर सर्वे में कहा गया है कि परिदृश्य बेहतर हुआ
है। 58 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि दूसरी तिमाही में उनके निर्यात में
सुधार होने की उम्मीद है। वहीं 68 प्रतिशत का कहना था कि वे अगले तीन माह
के दौरान अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं करेंगे।
सर्वे में बड़ी और एसएमई क्षेत्र की 300 से अधिक विनिर्माण
इकाइयों के प्रतिनिधियों की राय शामिल है। इन इकाइयों का सामूहिक सालाना
कारोबार 2.7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का है।
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Tuesday, 14 September 2021

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दूसरी तिमाही के लिए विनिर्माण परिदृश्य में सुधार, कारोबार, उत्पादन की लागत बढ़ी : सर्वे
दूसरी तिमाही के लिए विनिर्माण परिदृश्य में सुधार, कारोबार, उत्पादन की लागत बढ़ी : सर्वे
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