दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को
निर्देश दिया कि कारोबारी सतीश बाबू साना के खिलाफ जारी ‘लुक आउट सर्कुलर’
(एलओसी) वापस लिया जाए। मांस कारोबारी मुईन कुरैशी और जांच एजेंसी के पूर्व
निदेशक ए पी सिंह से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में यह एलओसी जारी किया
गया था।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने इस महीने की शुरुआत में
एलओसी को चुनौती देने वाली कारोबारी की याचिका पर सुनवाई पूरी की थी।
उन्होंने आज कहा, ‘‘प्रतिवादी को एलओसी को वापस लेने का आदेश दिया जाता
है।’’
सना ने इस आधार पर एलओसी को चुनौती दी थी कि इस तरह की कोई शिकायत
नहीं है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे और वह मामले में आरोपी नहीं
हैं।
सना के वकील ने अदालत को सूचित किया था कि मामले में कथित रूप
से शामिल कुरैशी और कारोबारी प्रदीप कोनेरू के खिलाफ जारी एलओसी को क्रमश:
एक निचली अदालत और उच्च न्यायालय खारिज कर चुके हैं।
सना ने याचिका में कहा था कि 17 फरवरी, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की
गयी थी और तब से वह 15-16 बार विदेश यात्रा कर चुके हैं और हर बार भारत
लौटे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ जारी एलओसी
‘बेबुनियाद, अवैध, दुर्भावनापूर्ण, मनमाना है और संविधान के तहत उनके मौलिक
अधिकारों का उल्लंघन करता है’।
सना ने यह दलील भी दी कि गृह
मंत्रालय के 2010 के एक कार्यालयीन ज्ञापन और उसी साल के उच्च न्यायालय के
एक फैसले के अनुसार एलओसी तभी जारी किया जा सकता है जब भारतीय दंड संहिता
या अन्य किसी कानून के तहत आरोपी के खिलाफ संज्ञेय अपराध का मामला दर्ज
किया गया हो या आरोपी ‘‘जानबूझकर गिरफ्तारी से बच’’ रहा हो।
सीबीआई
के वकील ने दलील दी कि मामले में सना की भूमिका सामने आई है और उनके खिलाफ
एलओसी जारी करने का मकसद है कि उन्हें देश छोड़कर नहीं जाना चाहिए।
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Friday, 28 January 2022

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अदालत ने सीबीआई को कारोबारी के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर को वापस लेने का निर्देश दिया
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