उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अयोध्या में आयोजित होने
वाले आठवें दीपोत्सव को अब तक का सबसे भव्य और दिव्य बनाने की तैयारियों के संबंध
में एक प्रेस वार्ता की। मीडिया से बात करते हुए माननीय मंत्री ने कहा, सनातन धर्म के
इतिहास में 500 वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम का भव्य-दिव्य मंदिर बना है। प्रभु
श्री राम अब अपने मंदिर में विराजमान हैं। हम सभी लोगों के लिए यह आठवां दीपोत्सव
अलौकिकता के साथ त्रेतायुग और आधुनिकता का अद्भुत संगम होगा।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह आज पर्यटन भवन में महाकुम्भ-2025 के
लिए की जा रही तैयारियों तथा दीपोत्सव-2024 के बारे में मीडिया बंधुओं को सम्बोधित
कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2024 तक प्रदेश
के प्रत्येक जिले में दीपोत्सव मनाने का परम सौभाग्य प्राप्त होगा। इस दौरान 04
किलोमीटर की शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें रामायण के विविध प्रसंगों पर आधारित
सांस्कृतिक कलाकारों के विभिन्न दलों द्वारा आयोजन एवं मंचन होगा।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस बार अयोध्या में स्थानीय
प्रशासन के साथ पर्यटन एवं संस्कृति विभाग 25 लाख दीप प्रज्ज्वलित करेगा। इसके
अतिरिक्त, 10 लाख दीप संत महात्मा अन्य मंदिरों में जलाएंगे। इस दिव्य व्यवस्था में अवध
विश्वविद्यालय, स्वयंसेवक, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के साथ-साथ विभिन्न कॉलेजों के
छात्र-छात्राओं का सहयोग प्राप्त होगा। पिछले वर्ष यानि 2023 में 22.23 लाख दीपक
प्रज्जवलित किए गए थे, जिसके साक्षी 54 देशों के राजनयिक बने थे।
दीपोत्सव-2024 कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के साथ श्री
गजेंद्र सिंह शेखावत, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री भारत सरकार तथा प्रदेश के दोनों
उपमुख्यमंत्री व अन्य गणमान्यों के साथ समस्त आयोजनों सहित लक्ष्मण किला घाट से
नया घाट तक 1100 वेदाचार्यों के साथ सरयू आरती कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया
जाएगा। जगमगाते लाखों दीयों के बीच सरयू धारा, राम की पैड़ी पर पानी के बीचों बीच
भव्य स्टेज पर कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं लेजर शो का अद्भुत आयोजन
किया जाएगा।
जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटन एवं संस्कृति विभाग द्वारा अयोध्या दीपोत्सव-2024
में विभिन्न स्थलों गुप्तार घाट, बड़ी देवकाली, तुलसी उद्यान, हनुमानगढ़ी, राम पथ, राम
कथा पार्क, सरयू तट, राम की पैड़ी आदि स्थानों पर देश-विदेश के कलाकारों द्वारा
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही, भव्य ड्रोन शो, म्यूजिकल लेजर
शो सहित अन्य आयोजन होंगे।
पर्यटन मंत्री ने कहा, महाकुंभ-2025, 13 जनवरी से 26 फरवरी तक मोक्षदायिनी मां
गंगा, यमुना और सरस्वती के अविरल पवित्र संगम तट, प्रयागराज की पावन भूमि पर विश्व
का सबसे बड़ा भारतीय सनातन संस्कृति का भव्य, दिव्य, अलौकिक, आध्यात्मिक एवं धार्मिक
आयोजन है। इस आध्यात्मिक मेले में देश ही नहीं, विश्व के बहुत से देशों के श्रद्धालु
आस्था की डुबकी लगाने संगम तट पर आते हैं। इस बार 40 से 50 करोड़ के बीच
श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। पर्यटन एवं संस्कृति, उप्र. तथा कुंभ मेला प्राधिकरण के
साथ सरकार सुव्यवस्थित तैयारियां कर रही है।
उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम (यू.पी.एस.टी.डी.सी.) द्वारा महाकुंभ-2025 में
अरैल और झूंसी में पी.पी.पी. मोड पर टेन्ट सिटी का कार्य चल रहा है। अयोध्या, काशी,
विंध्याचल समेत अन्य स्थलों के भ्रमण के लिए विशेष पैकेज तैयार किए जा रहे हैं। साथ
ही, फूड कोर्ट, हेलीकॉप्टर भ्रमण सहित अन्य सेवाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। उन्होंने
विभिन्न देशों के भारत में तैनात राजदूतों एवं उच्चायुक्तों से भी आग्रह किया है, कि वह
अपने-अपने देश में भारत की सनातन संस्कृति में आस्था रखने वाले हिंदू एवं अन्य
श्रद्धालुओं को महाकुंभ-2025 में शामिल होने के लिए प्रेरित करें।
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