क्या यूपी पुलिस उस बच्ची को आत्महत्या करने की ओर नहीं धकेल रही है? श्याम - National Adda

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Monday, 15 June 2020

क्या यूपी पुलिस उस बच्ची को आत्महत्या करने की ओर नहीं धकेल रही है? श्याम

गोरखपुर की जिस लड़की की ये पिक्चर्स शेयर की गईं हैं. वह सुसाइड की कगार पर है. ये दो कॉलेज जाने की उम्र के बच्चे हैं, इंस्टाग्राम बगैरह पर एक दूसरे के साथ फ़ोटो भी शेयर करते हैं. इत्तेफाक से लड़का मुसलमान है, लड़की हिन्दू है। योगेंद्र योगी नाम के एक कट्टरपंथी ने ट्विटर पर गोरखपुर पुलिस को टैग करते हुए लिखा "मामला लव जिहाद का है, ऐसे मामले अप्रिय घटनाओ को अंजाम देते है। कृपया मामले को अतिशीघ्र संज्ञान में ले।" और साथ में उन दोनों बच्चों के पर्सनल अकॉउंट की पिक्चर्स के स्क्रीनशॉट्स भी डाल दिए। इसके बदले उत्तरप्रदेश पुलिस का जबाव आया "जांच एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु साइबर सेल भेजा गया"

एक तो योगेंद्र योगी नाम के उस कट्टरपंथी ने दो बच्चों के पर्सनल एकाउंट की पर्सनल पिक्चर्स सोशल मीडिया पर डाल दीं हैं. ऊपर से योगी पुलिस उस निकम्मे गुंडे पर कार्यवाई करने की जगह उन बच्चों पर ही कार्यवाई की बात कर रही है. क्या योगी पुलिस ने समाज में लड़कियों पर सर्विलेंसिंग का काम भी ले लिया है? यदि ये दो बच्चे आपस में दोस्त भी हों तो पुलिस कौन होती है उनकी जांच करने वाली? क्या यूपी पुलिस प्यार पर रोक लगाने का संगठित सरकारी गिरोह बन चुकी है? क्या ये अंत में मुस्लिम युवकों की लिंचिंग को बढ़ावा देना नहीं है? 

कायदे से चाहिए था कि पुलिस उस कट्टरपंथी पर इन बच्चों की प्राइवेसी हनन करने के आरोप में तुंरत कार्यवाई करती, कार्यवाई नहीं तो कमसे कम चेतावनी ही दे देती. लेकिन यूपी पुलिस उल्टे उन बच्चों पर ही कार्यवाई करने की बात कर रही है। क्या इस देश में दो अलग धर्मों के लड़के लड़की अपने पर्सनल एकाउंट पर पिक्चर्स नहीं डाल सकते? क्या भाजपा सरकार आने के बाद ये अब अपराध बन गया है?

कल से हम सब सुशांत की सुसाइड को लेकर दुखी हैं. तबसे ही अवसाद और डिप्रेशन पर बात कर रहे हैं, कल को ये बच्ची अपने माँ बाप से डरकर सुसाइड कर ले तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या यूपी पुलिस उस बच्ची को आत्महत्या करने की ओर नहीं धकेल रही है?

आपसे अनुरोध है यूपी पुलिस और गोरखपुर को टैग करते हुए कुछ तो कहिए. ताकि पुलिस आइंदा किसी के बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ न करे।

लेखक: श्याम मीरा सिंह जी की फेसबुक वाल से साभार।
ये लेखक के व्यक्तिगत विचार है।

No comments:

Post a Comment


Post Bottom Ad