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Tuesday, 23 June 2020

सीबीआईसी द्वारा “तुरंतकस्टम्स” कार्यक्रम के तहत पेपरलेस एक्सपोर्ट्स सुविधा की शुरुवात की गयी।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन श्री अजीत कुमारने एक सुरक्षित क्यूआर कोड शिपिंग बिल का अनावरण किया, जिसे सीमा शुल्क विभाग द्वारा निर्यात की अनुमति देने के बाद निर्यातकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजा जाएगा। इससे निर्यात के प्रमाण के लिएनिर्यातकों को  सीमा शुल्क अधिकारियों से संपर्क करने की आवश्यकता समाप्त हो गयी है। इसके माध्यम से शिपिंग बिल को जमा करने से लेकर निर्यात-अनुमति के अंतिम आदेश तक, सीमा शुल्क निर्यात प्रक्रिया पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक आधारित भी हो गयी है।


आज की पहल सीबीआईसी द्वारा अपने “तुरंतकस्टम्स”कार्यक्रम के तहत फेसलेस, पेपरलेस और कॉन्टैक्टलेस कस्टम्सकी ओर एक और कदम है। ये सुधार आयातकों, निर्यातकों और अन्य हितधारकों के लिए समय और लागत को कम करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के उन्नत उपयोग पर आधारित हैं, जिससे वर्ल्ड बैंक के डूइंग बिजनेस रिपोर्ट के सीमा-पार व्यापार मानकों के सन्दर्भ में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है।

 

निर्यात के लिए पेपरलेस दस्तावेज का शुभारंभ,15 अप्रैल 2020 को आयात के लिए शुरू की पहल की अगली कड़ी है। शिपिंग बिल को इलेक्ट्रॉनिक रूप में भेजने से इन दस्तावेजों को कागज में प्रस्तुत करने की वर्तमान आवश्यकता दूर हो जायेगी, जिससे ग्रीन कस्टम्स को बढ़ावा मिलेगा। निर्यातकों को इस उद्देश्य के लिए सीमा शुल्क कार्यालय जाने की जरूरत नहीं रह जायेगी और वे व्यवसाय को बढ़ावा देने में अपने समय का बेहतर उपयोग कर सकेंगे।

श्री अजीत कुमार ने कहा कि यह सीमाशुल्क क्लीयरेंस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और त्वरित बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग करने का प्रयास है। “तुरंत कस्टम्स”, जिसका मुख्य घटक फेसलेस असेसमेंट है, को विभिन्न चरणों में 1 जनवरी 2021 तक पूरे देश में लागू किया जाएगा।

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