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Saturday, 13 June 2020

GST काउंसिल की 40वीं बैठक: 2017 में सुब्रमण्यम स्वामी ने जीएसटी लागू करते जो चेतावनी दी थी वह सही साबित होने जा रही हैं।

आने वाले दिनों में देश की अर्थव्यवस्था में क्या बदलाव आ सकता हैं इस लिहाज से आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है आज GST काउंसिल की 40वीं बैठक है केंद्र सरकार चाहती थी कि यह बैठक टल जाए लेकिन नियम है कि हर तिमाही में जीएसटी काउंसिल की बैठक अनिवार्य है, इसलिए आज 12 जून को यह बैठक की जा रही है।
पिछली बैठके भी हंगामाखेज रही है परिषद की 38वीं बैठक में लॉटरी दरें तय करने का फैसला होना था। इसके लिए परिषद के इतिहास में पहली बार मतदान का तरीका आजमाया जाना था। तीन वर्षों के अपने वजूद में जीएसटी परिषद में सारे निर्णय सर्वसम्मति से ही लिए गए थे। 

अब कोरोना काल मे यह पहली बैठक है यह बैठक पहली बार वर्चुअल रूप में आयोजित की जा रही है कोरोना की वजह से 25 मार्च के बाद लगभग 60 दिनों तक गैर जरूरी वस्तुओं की बिक्री पूरी तरह ठप रही है लॉकडाउन खुलने के बाद  अनलॉक 1 में भी गैर-जरूरी वस्तुओं की बिक्री के लिए कारोबारी संघर्ष कर रहे है, बिक्री नहीं होने से कारोबारियों ने अप्रैल व मई माह में जीएसटी रिटर्न की फाइलिंग नहीं की है

जब वस्तुओं की बिक्री होगी तभी तो सरकार को जीएसटी मिलेगा !.....ऐसे में टैक्स न आने और रिटर्न दाखिल करने की तारीख आगे बढ़ाने से सरकार ने अप्रैल और मई के जीएसटी कलेक्‍शन के आंकड़े जारी नहीं किए हैं.......सरकार की आय को बहुत बड़ा धक्का पुहंचा है पर कोरोना के पहले भी स्थिति अच्छी नही थी लगातार गिरता हुआ GST संग्रहण सरकार के लिये एक बड़ी चुनौती बना हुआ था 

आज की बैठक में काउंसिल में बाजार से लोन लेने पर फैसला हो सकता है. लेकिन हमें यह ध्यान रखना होगा कि केंद्र सरकार राज्यों के जीएसटी क्षतिपूर्ति के वैधानिक मुआवज़े का भुगतान भी नहीं कर पा रही है।अपने आर्थिक वादों पर भारत सरकार की साख बुरी तरह से पस्त हो चुकी है, लोन लेने में समस्या यह भी है कि  राज्यों सरकारों और केंद्र सरकार के बीच होने वाले राजकोषीय अनुबंध भी पूरे नही हो रहे हैं सभी मोर्चों पर सरकार की विश्वसनीयता पूरी तरह से संकट में नजर आ रही है........... यदि भारत की राज्य सरकारें ही केंद्र की सार्वजनिक और संवैधानिक प्रतिबद्धता पर भरोसा नहीं कर सकती हैं तो किसी निवेशक से यह अपेक्षा कैसे रखी जाए कि वह सरकारी वायदों पर भरोसा करे..….....यह सारे प्रश्न बहुत महत्वपूर्ण है

लगता है 2017 में सुब्रमण्यम स्वामी ने जीएसटी लागू करते जो चेतावनी दी थी वह सही साबित होने जा रही हैं कि 'जीएसटी लागू किया गया तो यह वॉटरलू साबित होगा।'.......

लेखक: गिरीश मालवीय

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