मई के मध्य में चीन में कोरोना का केंद्र रहे वुहान शहर में फिर से कोरोना जांच का सिलसिला शुरू हुआ, पूरी आबादी यानि 1.1 करोड़ लोगों की कोविड-19 की जांच हुई.... 23 मई को खबर आई कि चीन ने दुनिया को फिर से चौंकाते हुए एक दिन में 14 लाख से ज्यादा कोरोना वायरस के टेस्ट किए हैं हर दिन 10 लाख टेस्ट होंगे ये बात बड़ी जोरशोर से उछाली गयी थी उस वक्त मीडिया में। ......
10 से 15 दिनों में ही 1 .1 करोड़ आबादी की जांच कर ली गयी। .......लेकिन हमे ये तो बताया ही नहीं गया कि रिजल्ट क्या आया ? कितने लाख पॉजिटिव आए कितने निगेटिव आए ? 10 मई तक चीन में 82900 केस थे 30 मई तक 82999 केस हुए यानि 1 करोड़ टेस्ट में सिर्फ 99 पॉजिटिव निकले , गजब ही कर दिया। .......WHO के मुँह से जरा सी आवाज भी नहीं निकली। ......
चीन का डाटा देखते हुए एक बात और पता चली कि 22 जनवरी से 1 मार्च तक उसके यहाँ 80 हजार केस हो गए थे फिर कर्व 5 महीने से बिलकुल फ्लेट बना हुआ है........इन 5 महीनो में उसने सिर्फ 3612 ही नए पेशेंट दर्ज किए है
चीन दरअसल समझ गया कि टेस्टिंग कर मरीज की संख्या बढ़ती हुई दिखाने से कोई फायदा नहीं है
अगर इतनी ही खतरनाक बीमारी covid 19 है तो चीन की आबादी अब तक संक्रमित होने से बची कैसे हुई है ? और चलिए मान लिया यदि टेस्ट नहीं भी किये गए तो सड़को पर अब तक लाशो के ढेर क्यों नहीं लग गए?
बस इस बात का कोई जवाब दे दे ?
गिरीश मालवीय जी की रिपोर्ट।
No comments:
Post a Comment