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Saturday, 4 July 2020

योजनाबद्ध तरीके से 10 पुलिसकर्मियों की हत्या की गयी है यह घटना दिखा रही है कि तथाकथित रामराज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद है

कल कानपुर देहात में हुए पुलिस टीम पर हमले की बदमाशों की योजना इतनी सुनियोजित थी कि पुलिस के गांव में पहुंचने से पहले ही पूरे गांव की स्ट्रीट लाइटें बंद कर दी गई। जिसके चलते अंधेरे में पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया। पुलिसकर्मी अंधेरे के चलते भाग नहीं पाए और बदमाशों ने उन्हें घेरकर बर्बरता से मार डाला। कल एसआईटी ने विकास दुबे के कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड निकलवाए जिसमें कई पुलिसवालों के नंबर निकले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन पुलिसवालों में एक नाम चौबेपुर थाने के दरोगा का भी है, जिसने विकास को रेड की सूचना पहले ही दे दी थी। ओर उसके बाद ही घात लगाकर हमला किया गया


साफ है कि योजनाबद्ध तरीके से 10 पुलिसकर्मियों की हत्या की गयी है यह घटना दिखा रही है कि तथाकथित रामराज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद है

घटनास्थल पर हालात की भयावहता को इसी बात से समझा जा सकता है कि बिकरु गांव में इस मुठभेड़ के मास्टरमाइंड विकास दुबे के घर के आसपास सड़कों पर खून बिखरा हुआ था।

आसपास के घर विकास दुबे के रिश्तेदारों के घर हैं, जहां से फायरिंग हुई।जांच में पता चला है कि जब बदमाशों ने अंधेरे का फायदा उठाकर पुलिस टीम पर चारों तरफ से हमला कर दिया तो पुलिसकर्मी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे। पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे सीओ देवेंद्र मिश्र इस दौरान दीवार फांदकर बगल के घर में जा छिपे। दुर्भाग्य से यह घर विकास के मामा प्रेमप्रकाश पांडेय का था। कुछ बदमाश सीओ के पीछे पीछे उस घर में घुसे और सीओ को पकड़कर उनका सिर दीवार से सटाकर गोली मार दी। इतना ही नहीं इसके बाद उनके शव को घसीटकर घर के बाहर लाया गया और उनके पैर को कुल्हाड़ी से काट दिया गया। वहीं सीओ के साथ घर में घुसे चार सिपाहियों को भी बदमाशों ने सीओ के सामने ही गोली मार दी थी

एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार, बदमाश पुलिसकर्मियों को मारकर उनके शव जलाने के प्रयास में थे। यही वजह थी कि बदमाशों ने पुलिसकर्मियों के शव एक जगह एक के ऊपर एक रखे हुए थे। पुलिस की गाड़ियों को भी फूंकने की तैयारी थी लेकिन तभी वहां मौके पर भारी पुलिस बल पहुंच गया और बदमाशों को वहां से भागना पड़ा।

मौके पर जब भारी पुलिस बल पहुंचा तो पुलिसकर्मियों की खोजबीन शुरू हुई। सभी घायलों और शवों को अस्पताल भेजा गया लेकिन तब तक सीओ और एसओ के बारे में कुछ पता नहीं चल सका था। इसके बाद जब खोजबीन की गई तो सीओ का शव विकास के मामा के घर में मिला। वहीं एसओ का शव सड़क किनारे बने एक बाथरूम में पाया गया।

(जनसत्ता की विभिन्न रिपोर्ट पर आधारित गिरीश मालवीय की पोस्ट फेसबुक पर )


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