इसमें खाद्यान्न सब्सिडी के रूप में भारत सरकार द्वारा वहन की जाने वाली कुल अनुमानित खर्च लगभग 46,061 करोड़ रुपये और अंतर्राज्यीय परिवहन खर्च तथा ईपीओएस के उपयोग के लिए अतिरिक्त डीलर मार्जिन सहित डीलर का मार्जिन भी शामिल है
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर,2020 के अंत तक बढ़ाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा किपीएमजीकेएवाई योजना को जुलाई से नवंबर,2020 के अंत तक बढ़ा दिया गया है। इस पांच महीने की अवधि के दौरान80 करोड़ से अधिक लोगों को प्रति माह प्रत्येक परिवार को 1 किलो मुफ्त साबूत चने के साथ 5 किलो मुफ्त गेहूं/चावल प्रदान किया जाएगा।
खाद्य एवंजन वितरण विभाग ने तीन महीने यानी अप्रैल-जून, 2020के लिए टीपीडीएस के तहत5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति माहकी दर से अनुमानित सब्सिडी 44,131 करोड़ रुपये बताया है जो चावल के लिए 37,267.60 रुपये/मीट्रिक टन और गेहूं के लिए 26,838.40 रुपये / मीट्रिक टन (बीई 2020-2021 के अनुसार)अनुमानित आर्थिक लागत होगी।
इसके अलावा,एनएफएसए के तहत अंतर्राज्यीय परिवहन खर्च और डीलर मार्जिन सहित एफसीआई डिपो से फेयर प्राइस शॉप्स (एफपीएस) तक माल लाने-लेजाने का खर्च एनएफएसए के नियमों के अनुसार साझेदारी के तरीकेऔर ऐसे मद में खर्च के मानदंडों के अनुसार भारत सरकार और राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा साझा किया जाता है। चूंकि इस योजना के लिए पूरा खर्च भारत सरकार वहन कर रही है, इसलिए एनएफएसए के तहत इस संबंध में मौजूदा मानदंडों के अनुसार, परिवहन एवं इसकी हैंडलिंग और एफपीएस डीलरों के मार्जिन आदि के लिए भारत सरकार को 1,930 करोड़ रुपये खर्च करने की आवश्यकता होगी।इस प्रकार, खाद्यान्न सब्सिडी और अंतर्राज्यीय परिवहन तथा ईपीओएस के उपयोग के लिए अतिरिक्त डीलर मार्जिन सहित डीलर के मार्जिन पर भारत सरकार द्वारा खर्च की जाने वाली अनुमानित राशि 46,061 करोड़ है।
इस प्रकार, अप्रैल से नवंबर,2020 तक 32लाख मिलियन टन (अप्रैल-जून 2020 के लिए 12 लाख मिलियन टन और जुलाई-नवंबर 2020 के लिए 20 लाख मिलियन टन)खाद्यान्नों (चावल और गेहूं) के वितरण के लिए अनुमानित लागत लगभग 1,22,829 करोड़ रुपये होगी।
उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार,अप्रैल-जून 2020 की अवधि में दालों के वितरण की अनुमानित लागत 5,000 करोड़ रुपये है। तदनुसार,अप्रैल-नवंबर 2020 की अवधि के दौरान दालों के वितरण के लिए अनुमानित व्यय 11,800 करोड़ रुपये होगा।
इसके अलावा,दो महीने की अवधि के लिए प्रवासी मजदूरों को खाद्यान्न वितरण के लिए अनुमानित लागत 3,109.52 करोड़ रुपये है। खाद्यान्नों के लिए केंद्रीय निर्गम मूल्य की अनुमानित लागत प्रति माह लगभग 1,400 करोड़ रुपये के हिसाब से लगभग 11,200 करोड़ रुपये होगी।
इस प्रकार,खाद्यान्न (चावल और गेहूं) और दालों के वितरण की अनुमानित लागत 1,48,938 करोड़ रुपये होगी।
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