मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत से सनातन संस्कृति दुनिया में अपने सद्भाव के
माध्यम से पहुंची। दक्षिण-पूर्व एशिया के अनेक देशों में पहुंचे भारतवासियों ने अपने
कार्य, व्यवहार तथा भारत के मूल्यों और आदर्शों से वहां के समुदाय को अपनी ओर
आकर्षित किया है। दुनिया के कई देशों ने भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण व भगवान
बुद्ध की परम्परा को स्वीकार किया है और इस परम्परा से जुड़कर स्वयं को गौरवान्वित
महसूस करते हैं। दुनिया के अनेक देश किसी न किसी रूप में भारत के साथ जुड़ते हुए
दिखाई देते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज देष में जितना सकारात्मक माहौल है, उतनी ही
चुनौतियां भी हैं। देश व समाज की एकता को खण्डित नहीं होने देना है। कुछ लोग हमें
बांटना चाहते हैं। ऐसे लोगों के किसी भी षड्यंत्र में हमें नहीं पड़ना है। हम अपने स्तर
से कोई भी नकारात्मक टिप्पणी न करें। वर्ष 2025 की शुरुआत में महाकुम्भ का भव्य
आयोजन हो रहा है। यह बहुत अच्छा अवसर है। हमें पूरी दुनिया में एकता का संदेश
देना है। जन-जागरण के माध्यम से समाज को जोड़ते जाइये। जितनी मजबूती के साथ
आपका कार्य होगा, उतना मजबूत समाज बनेगा। समाज मजबूत होगा, तो राष्ट्र की
अखण्डता को दुनिया की कोई ताकत चुनौती नहीं दे पाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न स्थानों से आए संत-महात्माओं एवं
आचार्यों का अभिवादन किया।
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