खरीफ फसलों की बुवाई क्षेत्र कवरेज:
चावल: धान का रकबा (बुवाई क्षेत्र) लगभग 220.24 लाख हेक्टेयर, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 187.70 लाख हेक्टेयर ही था।
दलहन: दालों का बुवाई क्षेत्र लगभग 99.71 लाख हेक्टेयर, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 79.30 लाख हेक्टेयर था।
मोटे अनाज: मोटे अनाजों के तहत बुवाई क्षेत्र कवरेज लगभग 137.13 लाख हेक्टेयर, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 120.30 लाख हेक्टेयर ही था।
तिलहन: तिलहन के अंतर्गत बुवाई क्षेत्र कवरेज लगभग 166.36 लाख हेक्टेयर, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 133.56 लाख हेक्टेयर था।
गन्ना: गन्ने का रकबा लगभग 51.54 लाख हेक्टेयर, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 51.02 लाख हेक्टेयर था।
जूट और मेस्ता: जूट और मेस्ता के तहत बुवाई क्षेत्र कवरेज लगभग 6.94 लाख हेक्टेयर, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 6.84 लाख हेक्टेयर था।
कपास: कपास के तहत बुवाई क्षेत्र कवरेज लगभग 118.03 लाख हेक्टेयर, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 96.35 लाख हेक्टेयर था।
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने बताया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित 123 जलाशयों में जल भंडारण पिछले वर्ष की इसी अवधि में दर्ज किए गए जल भंडारण का 155% आंका गया है।
रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2020-21 में कुल 420.90 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं एफसीआई में आया है, जिसमें से 389.75 एलएमटी खरीदा गया है।
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