उत्तर प्रदेश में 2024 तक आजीविका मिशन से जुड़ेंगी एक करोड़ महिलाएं: 10 लाख स्वयं सहायता समूह के गठन का लक्ष्य - National Adda

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Monday, 6 July 2020

उत्तर प्रदेश में 2024 तक आजीविका मिशन से जुड़ेंगी एक करोड़ महिलाएं: 10 लाख स्वयं सहायता समूह के गठन का लक्ष्य

लखनऊ, 04 जुलाई (हि.स.)। कोरोना काल में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महिला सशक्तिकरण की योजनाओं पर ज्यादा जोर दे रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों का नेटवर्क समूचे राज्य में बड़ी तेजी से विस्तारित किया जा रहा है।


उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार की माने तो वर्ष 2024 तक प्रदेश की एक करोड़ महिलाओं को मिशन के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों की तादाद बढ़ाकर 10 लाख तक की जाएगी। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 3.70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे करीब 40 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं। 

कुमार ने बताया कि अभी हाल में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने सूबे के 23 जनपदों तथा 139 नए ब्लाकों को शामिल किया है। इनमें बलिया, अमरोहा, बुलंदशहर, एटा, अयोध्या, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, हाथरस, जौनपुर, कानपुर देहात, कासगंज, कौशांबी, कुशीनगर, मथुरा, मऊ, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रायबरेली, रामपुर, संभल, संतकबीरनगर, शाहजहांपुर और सीतापुर जिले शामिल हैं। अब तक इन जिलों में समूहों का गठन नहीं हुआ था। 

इस तरह से अब मिशन द्वारा प्रदेश के सभी 75 जनपदों तथा 592 ब्लॉकों में कार्य किया जायेगा और वर्ष 2024 तक 10 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन कर उससे एक करोड़ महिलाओं को जोड़ने का लक्ष्य है। इन समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराते हुए उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जाएगा।

मिशन निदेशक ने 'हिन्दुस्थान समाचार' को बताया कि कोरोना आपदा के दौरान बाहर से आये प्रवासी कामगार परिवारों में से अब तक तमाम महिलाएं आजीविका मिशन अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर अपनी जीविका कमाना शुरू कर दी हैं। ये कामगार महिलाएं कृषि, बागवानी, नर्सरी, पशुपालन, सब्जी की व्यावसायिक खेती, मास्क बनाने, स्कूल ड्रेस बनाने जैसे सिलाई के कार्यो और अन्य कुटीर उद्योगों में समूहों के माध्यम से लगी हैं अपनी आजीविका का संवर्धन कर रही हैं। 

कुछ दिन पहले इन्हीं महिलाओं ने करीब 70 लाख फेस मास्क तैयार किया था, जिससे उनकी सात करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हुई थी। राज्य सरकार ने परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए एक करोड़ ड्रेस बनवाने का काम भी महिला स्वयं सहायता समूहों को ही दिया है। सरकार के इस फैसले से ग्रामीण क्षेत्र की लाखों महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। 

इसके अलावा ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए योगी सरकार उन्हें बैंकिंग सेवा से भी जोड़ रही है। उन्हें बैंकिंग कारेस्पांडेंट सखी (बीसी सखी) के रुप में नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए आजीविका मिशन की तरफ से शनिवार को आवेदन हेतु विज्ञापन भी जारी कर दिया गया। प्रदेश के हर ग्राम पंचायत से स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों में से ही बीसी सखी का चयन किया जाएगा। चयनित आवेदकों को प्रशिक्षण देने की भी योजना है। 

बीसी सखी का मुख्य कार्य ग्रामीणों तक बैंक सेवाओं को पहुंचाना होगा। इनके माध्यम से सब्सिडी, पेंशन, मजदूरी का भुगतान, आर्थिक लेन देन, बैंक खाते में जमा एवं निकासी और नए खाते खोलने जैसी सुविधाएं गांव में लोगों तक पहुंचेगी। इससे न केवल वित्तीय लेनदेन में आसानी होगी, बल्कि ग्रामीण लोगों के काम-धंधे में तेजी आएगी। साथ ही समय और खर्च में भी बचत होगी। 


No comments:

Post a Comment


Post Bottom Ad