रिक्शा चालक मोहम्मद कलीम से लखनऊ प्रशासन ने 21 लाख से अधिक का हर्जाना मांग लिया। उसके पास तो 21 रुपये नहीं थे। सो वह जेल भेज दिया गया।
मसला यह है कि इस साल मार्च महीने में उसे तब गिरफ्तार किया गया था जब वह अपने रिक्शा में किसी शोरूम की वाशिंग मशीन लेकर जा रहे थे।
जब की पत्नी नरगिस बेगम थाने पहुंची तो उन्हें बताया गया कि उनके पति CAA के विरोध प्रदर्शन में शामिल थे इसलिए उनको पकड़ा गया है। बहुत कोशिशों के बाद उन्हें ज़मानत मिली थी।
अब पुलिस ने एस आर दारापुरी, दीपक कबीर, सदफ जफर सहित कई लोगों को आंदोलन में हुए नुकसान की वसूली का परवाना भेजा और सबसे पहले इस रिक्शे वाले को ही दबोच लिया।
यूपी की सरकार की तरफ से 21 लाख 76 हज़र का रिकवरी नोटिस कलीम के घर भेजा गया था, जिसे चुकाने में वह पूरी तरह असमर्थ थे।
बीते शुक्रवार 3 जुलाई 2020 को वापस उनके घर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
अभी तक किसी अदालत ने दारापुरी या सदफ, दीपक या कलीम को दंगा या उपद्रव नें शामिल होने का दोषी तो करार दिया नहीं है फिर इस तरह की कार्यवाही महज जुल्म और दमन है।
पंकज चतुर्वेदी जी की वाल से साभार।
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