नयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने शुक्रवार को अमेरिका
द्वारा एच 1-बी वीजा के निलंबन को "दुर्भाग्यपूर्ण" करार दिया और कहा कि इस
कदम से छोटी अवधि में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवाओं पर "न्यूनतम
प्रभाव" पड़ेगा, क्योंकि वह पिछले 10 वर्षों से स्थानीय स्तर पर लोगों को
काम पर रखते आ रही है।
कंपनी के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी विजय कुमार ने कहा, "हमने 10 साल पहले अमेरिका में केंद्रों में निवेश करना शुरू किया था, हमारे पास अमेरिका में 15 स्केल्ड वितरण केंद्र हैं। हम स्थानीयकरण बढ़ाने वाले पहले लोगों में से एक थे, अमेरिका में हमारे 67 प्रतिशत कर्मचारियों के करीब स्थानीय लोग हैं।’’
उन्होंने कहा, "यह प्रवृत्ति है, जिसे हमने वास्तव में उद्योग में आगे बढ़ाया है और अब कई अन्य कंपनियां हमारा अनुसरण कर रही हैं।’’
उन्होंने कहा कि कंपनी के पास मांग पूरी करने के लिये अमेरिका में पर्याप्त लोग हैं। उन्होंने कहा, "हालांकि, नियम के बारे में मैं कहूंगा, दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह देखते हुए कि हम न केवल अमेरिका में, बल्कि सभी भौगोलिक क्षेत्रों में अपनी स्थानीय उपस्थिति को बढ़ाने के लिये तैयार रहे हैं, हम नीति में वर्तमान परिवर्तन के कारण बहुत कम प्रभाव देखते हैं। कम से कम निकट अवधि में।" उन्होंने कहा कि अगर इसे लंबे समय तक जारी रखा जाता है, तो कंपनी को "इस बात पर ध्यान देना होगा कि हम मांग को कैसे पूरा करते हैं"।
एचसीएल टेक के दुनिया भर में जून 2020 तिमाही के अंत तक 1.5 लाख से अधिक कर्मचारी हैं। कंपनी को 63.7 प्रतिशत राजस्व अमेरिकी बाजार से प्राप्त होता है। जून तिमाही में कंपनी के कुल राजस्व में यूरोप का योगदान 28.3 प्रतिशत और शेष अन्य सभी बाजारों का योगदान आठ प्रतिशत रहा था।
आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने अमेरिकी सरकार के इस कदम को "दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित" कहा था।
अन्य प्रतिस्पर्धी आईटी कंपनियां इंफोसिस, टेक महिंद्रा और विप्रो ने इस नीति परिवर्तन के कारण प्रभावित सैंकड़ों कर्मचारियों तथा उनके परिजनों को वापस लाने के लिये विशेष विमान का प्रबंध किया था।
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