शुक्ला ने कहा कि बीते वित्त वर्ष 2019-20 में सार्वजनिक क्षेत्र
के उपक्रम का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। इस वजह से कंपनी की यह स्थिति हुई
है।
हिंदुस्तान कॉपर की पत्रिका (जर्नल) में प्रकाशित एक लेख में शुक्ला ने कंपनी के कर्मचारियों से कहा है कि वे 2020-21 में उत्पादन में गिरावट की भरपाई करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि कंपनी के टिके रहने के लिए यह काफी जरूरी है।
शुक्ला ने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि 2019-20 के खराब प्रदर्शन की वजह से कंपनी की वित्तीय हालत काफी खराब है। कोविड-19 महामारी की वजह से हालात और मुश्किल हुए हैं। इस तरह की परिस्थितियों में हमें आगे के मुश्किल समय के लिए तैयार रहना होगा।’’
उन्होंने कहा कि यदि कंपनी को टिके रहना है, तो हमें 2020-21 में उत्पादन में आई गिरावट की भरपाई करनी होगी।
शुक्ला ने कहा कि कंपनी के ब्रांड की विश्वसनीयता और ग्राहकों के संतुष्टीकरण के लिए गुणवत्ता के प्रति भरोसा कायम करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज समय की जरूरत है कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें और किसी तरह की ‘कुर्बानी’ के लिए तैयार रहें।
शुक्ला ने पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी चरणबद्ध तरीके से अपने उत्पादन को 2.02 करोड़ टन पर पहुंचाने की योजना बना रही है। कंपनी ने 1.2 करोड़ टन क्षमता के लिए सभी मंजूरियां मांगी हैं। यह पहला चरण होगा।
उन्होंने बताया कि बीते वित्त वर्ष में कंपनी ने 40 लाख टन तांबा अयस्क का उत्पादन किया। बीते वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में कंपनी को 95.61 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
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