केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना, उपभोक्ताओं के अधिकारों को लागू करने, रक्षा करने, बढ़ावा देने के लिए की गई है; जिसका परिचालन भारतीय लोक प्रशासन संस्थान परिसर से किया जाएगा - National Adda

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Friday, 31 July 2020

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना, उपभोक्ताओं के अधिकारों को लागू करने, रक्षा करने, बढ़ावा देने के लिए की गई है; जिसका परिचालन भारतीय लोक प्रशासन संस्थान परिसर से किया जाएगा

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 को 20 जुलाई, 2020 से लागू किया जा चुका है। अधिनियम की धारा 10 के प्रावधानों के अनुसार, 24 जुलाई, 2020 से केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना की जा चुकी है।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का संचालन करने के लिए, उपभोक्ता मामले विभाग की अपर सचिव, श्रीमती निधि खरे को मुख्य आयुक्त, इस विभाग की संयुक्त सचिव, श्री अनुपम मिश्रा को आयुक्त, इस विभाग में बीआईएस महानिदेशक, श्री प्रमोद के. तिवारी को महानिदेशक (अन्वेषण) और नेशनल टेस्ट हाउस के महानिदेशक, श्री विनीत माथुर को केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण में अतिरिक्त महानिदेशक (अन्वेषण) के रूप में 29 जुलाई 2020 से, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग करने और कार्यों का निर्वहन करने का अधिकार प्रदान किया गया है।

इस दौरान, सीसीपीए द्वारा अपना काम आईआईपीए परिसर शुरू कर दिया जाएगा। कार्य में सहायता प्रदान करने वाले कर्मचारियों की व्यवस्था, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के उपभोक्ता अध्ययन केंद्र और राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से की जा रही है, जिनको विभाग के द्वारा 2007 से आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का उद्देश्य एक वर्ग के रूप में, उपभोक्ताओं के अधिकारों को बढ़ावा देना, उनकी रक्षा करना और उसे लागू करना है। इसके पास, उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन करने और संस्थानों के प्रति शिकायतों/अभियोजनों, असुरक्षित वस्तुओं/ सेवाओं को वापस बुलाने, अनुचित विक्रय प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों को बंद करवाने का आदेश देने, भ्रामक विज्ञापनों के लिए विनिर्माताओं/समर्थनकर्ताओं/प्रकाशकों पर जुर्माना लगाने का अधिकार होगा।

इस अधिनियम के प्रावधानों को प्रभावी बनाने के लिए, निम्नलिखित नियमों को अधिसूचित किया गया है, जिसे 20 जुलाई, 2020 से प्रभावी बनाया गया है:

 

  1. उपभोक्ता संरक्षण (सामान्य) नियम, 2020
  2. उपभोक्ता संरक्षण (केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद) नियम, 2020
  3. उपभोक्ता संरक्षण (उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग) नियम, 2020
  4. उपभोक्ता संरक्षण (मध्यस्थता) नियम, 2020
  5. उपभोक्ता संरक्षण (राज्य और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की सेवा के लिए वेतन, भत्ता और शर्त) मॉडल नियम, 2020
  6. उपभोक्ता संरक्षण (नियुक्ति की अर्हता, भर्ती की प्रक्रिया, नियुक्ति की प्रक्रिया, सेवा की अवधि, इस्तीफा और राज्य और जिला आयोग के सदस्यों की सेवा समाप्ति) नियम, 2020
  7. उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020, [23 जुलाई, 2020 से प्रभावी]।

 

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा, 24 जुलाई, 2020 से निम्नलिखित प्रभावी विनियमों को अधिसूचित किया गया है

 

  1. उपभोक्ता संरक्षण (उपभोक्ता आयोग प्रक्रिया) विनियम, 2020
  2. उपभोक्ता संरक्षण (राज्य और जिला आयोग के लिए प्रशासनिक नियंत्रण) विनियम, 2020
  3. उपभोक्ता संरक्षण (मध्यस्थता) विनियम, 2020



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