नई
दिल्ली, 08 जुलाई (हि.स.)। भारतीय नौसेना का 'ऑपरेशन समुद्र सेतु' विदेशों
से 3,992 भारतीय नागरिकों को वापस लाने के बाद समाप्त कर दिया गया है।
भारतीय नौसैनिक जहाजों जलाश्व, ऐरावत, शार्दुल और मगर ने 55 दिनों के
ऑपरेशन के दौरान 23 हजार किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान मालदीव से 2386,
श्रीलंका से 686 और इस्लामिक गणराज्य ईरान से 920 नागरिकों को स्वदेश लाया
गया।
कोरोना
महामारी के दौरान नौसेना के 05 मई 2020 को शुरू किये गए इस अभियान में
आईएनएस जलाश्व (लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक), ऐरावत, शार्दुल और मगर (लैंडिंग
शिप टैंक) ने भाग लिया और 55 दिनों में 23 हजार किलोमीटर से अधिक समुद्री
यात्रा की। भारतीय नौसेना ने इससे पहले 2006 में ऑपरेशन सुकून (बेरूत) और
2015 में ऑपरेशन रहत (यमन) के तहत इसी तरह भारतीयों की निकासी की थी।
कोविड-19 महामारी के दौरान कॉम्पैक्ट वातावरण और वेंटिलेशन सिस्टम के कारण
जहाजों और नाविकों पर असर पड़ा है लेकिन इस कठिन समय और परिस्थितियों में
भारतीय नौसेना ने संकटग्रस्त नागरिकों को विदेशों से निकालने की चुनौती ली।
भारतीय नौसेना के सामने सबसे बड़ी चुनौती जहाजों पर संक्रमण फैलने से
रोकने की थी। इसीलिए यात्रा के दौरान जहाजों पर सख्त चिकित्सा और सुरक्षा
प्रोटोकॉल लागू किए गए। इसी का नतीजा रहा कि 3,992 भारतीयों की मातृभूमि
में सुरक्षित वापसी हुई।
'ऑपरेशन
समुद्र सेतु' के दौरान महिला अधिकारियों और सैन्य नर्सिंग स्टाफ को भी साथ
रखा गया। जहाजों पर समुद्री मार्ग के दौरान सभी यात्रियों को बुनियादी और
चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की गईं। आईएनएस जलाश्व पर यात्रा करने वाली
सोनिया जैकब ने अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस पर कोच्चि पहुंचने के कुछ घंटों के
भीतर एक बच्चे को जन्म दिया। भारतीय नौसैनिक जहाजों जलाश्व, ऐरावत,
शार्दुल और मगर ने ऑपरेशन के दौरान 23 हजार किलोमीटर की दूरी तय की। इस
दौरान भारतीय नौसेना के आईएल-38 और डोर्नियर विमान का इस्तेमाल देश भर में
डॉक्टरों और कोविड-19 से संबंधित सामग्री को लाने ले जाने के लिए किया गया।
इस दौरान मालदीव से 2386, श्रीलंका से 686 और इस्लामिक गणराज्य ईरान से
920 यानी कुल 3,992 भारतीय नागरिकों को विभिन्न बंदरगाहों पर लाकर राज्य
अधिकारियों को देखभाल के लिए सौंपा गया है। यह ऑपरेशन भारतीय नौसेना ने
विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य और भारत सरकार और राज्य सरकारों
की विभिन्न अन्य एजेंसियों के समन्वय में पूरा किया है।
कोरोना
महामारी के दौरान नौसेना ने एक अन्य लैंडिंग शिप (टैंक) केसरी से 'मिशन
सागर' चलाया था, जिसमें 580 टन खाद्य सहायता और मेडिकल स्टोर सहित मालदीव,
मॉरीशस, मेडागास्कर, कोमोरोस द्वीप और सेशेल्स को ले जाया गया। आईएनएस
केसरी ने 49 दिनों में 14 हजार किमी. से अधिक समुद्री यात्रा तय की। इस
मिशन के हिस्से के रूप में मॉरीशस और कोमोरोस द्वीप में नौसेना की एक-एक
मेडिकल टीम भी तैनात की गई थी।
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