कानपुर,
08 जुलाई (हि.स)। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में विकरु कांड के मामले
में निलंबित किए गए चौबपुर थाना के पूर्व थानाध्यक्ष विनय तिवारी और बीट
प्रभारी केके शर्मा को पूछताछ के गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों पर आरोप
है कि सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या में फरार मोस्ट वांटेड अपराधी
विकास दुबे से इनके मधुर संबंध थे और पुलिस के छापे के बारे इन्होंने
मुखबिरी करके पुलिस टीम की जान खतरे में डाली और मौके से भाग निकले।
कानपुर परिक्षेत्र आईजी मोहित अग्रवाल और एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि विकरु कांड की जांच कर रही यूपी एसटीएफ की टीम ने शक के आधार पर चौबेपुर के पूर्व थानाध्यक्ष विनय तिवारी को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए लखनऊ लेकर गयी थी। पूछताछ और जांच में कुछ ऐसे साक्ष्य मिलने के बाद थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद आज पूर्व थानाध्यक्ष विनय तिवारी की गिरफ्तारी की गयी है। इससे पहले वह यूपी एसटीएफ की हिरासत में थे। विनय तिवारी के अलावा बीट प्रभारी केके शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है।
एसटीएफ की जांच में हुआ खुलासा
कानपुर प्रकरण की जांच यूपी एस्टीएफ कर रही है। जांच के दौरान एसटीएफ के हाथ लगे साक्ष्य से यह खुलासा हुआ है कि चौबेपुर थाने में तैनात दरोगा केके शर्मा ने वारदात की रात से पहले शाम साढ़े पांच बजे विकास दुबे से बात की थी। उसके बाद दबिश से ठीक पहले रात 12 बजकर 11 मिनट पर सिपाही राजीव चौधरी ने विकास दुबे को दबिश की पूर्व सूचना देने के साथ ही पुलिस फोर्स की संख्या भी बतायी थी। इसके बाद विकास ने कहा था कि आज वह सबसे निपट लेगा।
विनय का विकास दुबे से है पुराना याराना
एसएसपी ने किया था पूरा थाना लाइन हाजिर
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने मंगलवार की रात चौबपुर थाने के सभी उपनिरीक्षक व पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। यह कार्रवाई दुर्दांत अपराधी विकास दुबे से पूरे थाने के पुलिस कर्मियों की नजदीकियां होने पर की गयी है। हालांकि इसकी जांच चल रही है।
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