थोक
महंगाई के मोर्चे पर सरकार के लिए राहत भरी खबर है। थोक मूल्य सूचकांक
(डब्लूपीआई) पर आधारित महंगाई दर जुलाई महीने में घटकर नकारात्मक यानी
-0.58 फीसदी पर आ गई है। इससे
पहले जून महीने में थोक महंगाई दर नकारात्मक 1.81 फीसदी थी, जबकि मई महीने
में -3.37 फीसदी और अप्रैल महीने में -1.57 फीसदी पर रही थी।
वाणिज्य
एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक थोक
मूल्य सूचकांक (डब्लूपीआई) पर आधारित महंगाई की सालाना दर जुलाई में -0.58
फीसदी पर रही, जो कि पिछले साल के समान महीने में 1.17 फीसदी पर रही थी।
मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में खाने-पीने के
सामान की थोक महंगाई दर 4.08 फीसदी पर रही, जो जून महीने में 2.04 फीसदी पर
थी। हालांकि, ईंधन और बिजली के मूल्य में जुलाई में 9.84 फीसदी की कमी
देखने को मिली है। वहीं, जून महीने में यह आंकड़ा 13.60 फीसदी पर रहा था।
हालांकि,
विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में जुलाई में 0.51 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखने
को मिली है, जबकि जून महीने में विनिर्मित वस्तुओं की महंगाई दर 0.08
फीसदी पर थी। इससे
एक दिन पहले राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसआो) ने खुदरा महंगाई दर के
आंकड़े जारी किए थे। आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर
बढ़कर 6.93 फीसदी हो गई है।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व
बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने महंगाई दर में बढ़ोत्तरी की आशंका जाहिर की
थी। आरबीआई ने अक्टूबर से मार्च छमाही के दौरान खुदरा महंगाई दर के थोड़ा
नीचे आने की उम्मीद जाहिर की है। सरकार ने आरबीआई को महंगाई दर 2 फीसदी
घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी दी है। रिजर्व बैंक
द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर पर ही
गौर करता है।
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