आज मैं पूरी तरीक़े से स्तब्ध हु मन बहुत उदास है आत्मा रो रही है लिखने में मन नही लग रहा किंतु उस लड़की की दुर्दशा सामने आ रही उसकी पीड़ा का शायद किसी को अंदाजा भी नही लेकिन पीड़ा तो इंसान को व्यथित करती है अगर वो इंसान है तो ! दिमाग मे खतरनाक मनजर की कल्पना करना कठिन नही क्योंकि रोज और हर दिन ऐसी घटनाओं से दो चार होना पड़ रहा ह दुर्भाग्य वस और इसका कोई और जिम्मेदार नही हम है स्वयं हैं कहने को तो हम बड़े सोकोल्ड सोशलिज्म की बात करते हैं परंतु रियल में जब बात कुछ करने की आती है तो पीछे आखिर कब तक हम तमाशबीन मूकदर्शक बने रहेंगे मैं बहुत मजबूर हु मुझ अकेले में इतनी हिम्मत नहीं लेकिन हम एक हो कर लड़े तो इन दरिन्दों को सबक शीखा देंगे इनकी नश्ल ही खत्म कर देंगे फिर न इनके जैसे लोग रहेंगे और न ही बहेंन बेटियों को ऐसी घटना से गुजरना पड़ेगा लेकिन हम इस नही कर पा रहे हर बार ये मोमबत्ती और अनसन करके मीडिया और अखबारों का का पेज भर के भूल जाते ह हमे हर बार कुछ लिखने पर मजबूर करती है पीड़िता को न्याय कब मिलेगा ये तो मैं नही जानता सवाल महत्वपूर्ण यह कि ऐसा बार बार क्यों हो रहा ह क्यों अपराधियो में कोई ख़ौफ़ नही बेटियों पर ही क्यों अत्याचार होते ह क्यों एक के बाद एक ऐसी दर्दनाक घटनाएं हो रही और हम एक दूसरे का मुह देखते रहते हैं और छोटी सी संवेदना जाहिर करके फिर अपने निठल्ले काम मे लग जाते जिससे न आप खुस न न आपका परिवार ! क्या सारा काम सरकार और शाशन का ही है हम नागरिकों का कोई उत्तरदवित्व नही हम अपनी बारी का इंतजार कर है ह शायद ऐसे आपराधिक तत्व कोई दूसरे ग्रह से तो आये नही! ये हमारे बीच रहते ह और हमारी बहेन बेटियों को कुदृष्टि से देखते और घटना कर देते लेकिन हम इतने निकम्मे हो गए ह की यह पहचान नही कर पा रहे क्योकि हम तो अपने किसी निठल्ले काम मे लगे हैं इतना भी नही सोच पा रहे कि और बुरा कौन अच्छा ! कोई घटना घटी सोशल मीडिया पर दुख जाहिर कर दिया बात खत्म फिर किसी मामले के इंतजार में बैठ जाते है क्या यह हर नागरिक की जिम्मेदारी नही होनी चाहिए कि वह कोई भी अन्यायी के खिलाफ खड़ा रहे और स्त्रियों और बच्चियों की ताकत बने जिससे वो सहेज जीवन जी सके हमारी आपकी ताकत कब काम आएगी सोच बदलनी होगी हर स्त्री हमारी मा ह हर बच्चियां हमारी ही बहन बेटी ह उसको नुकसान कोई पहुचाये ये किसी के मजाल नही होनी चाहिए जो कुद्रष्टि डालेगा उसकी बिना पूछे औकात में लाना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए हर बात में शाशन पर टिप्पणी करके किसी के ऊपर दोष देने से ऐसी घटनाएं रुकने वाली नही शाशन अपना काम करेगा और कर रहा है अपने स्तर पर लेकिन हम क्या कर रहे है यह भी पूछिये खुद से जवाब मिलेगा और आप उस जवाब से निश्चितरूप से सर्मिदा होंगे इसलिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करना भी हमारा ही काम है इतना ही कहूंगा धन्यवाद ।उक्त बातें समाजिक चिंतक ब्लागर आशीष त्रिपाठी जी ने कही ।
रिपोर्ट -अंजनी त्रिपाठी ।
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