गणतंत्र दिवस की परेड में इस साल की झांकी में भारतीय सेना ने उन टी-90 भीष्म टैंक को शामिल किया है जो पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ तनाव के बाद एलएसी पर तैनात किये गए हैं। इसके अलावा ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल और अन्य स्वदेशी हथियार राजपथ पर दिखाए जाएंगे जिनकी बदौलत सेना पूर्वी और पश्चिमी सीमा पर मोर्चा संभाले है। पकिस्तान से 71 के युद्ध में मिली जीत के 'स्वर्णिम विजय वर्ष' पर मुख्य फोकस बांग्लादेश के मार्चिंग दस्ते पर है जो 122 सदस्यों के साथ भारत आया है।
परेड
में हिस्सा लेने के लिए भारत आये बांग्लादेश एयर फ़ोर्स के फ्लाइट
लेफ्टिनेंट सिबात और नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर इशहाक ने कहा कि पहली बार
हमारी बांग्लादेश की टुकड़ी अपने ध्वज के साथ भारत के गणतंत्र दिवस की
परेड में हिस्सा लेने आई है। बांग्लादेश सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल शाहनूर
परेड कमांडर होंगे जबकि कर्नल मोहत्शीम मार्चिंग दस्ते के कमांडर हैं।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की मार्चिंग टुकड़ी दो हिस्सों में होगी जिसमें
कुल 122 सैनिक शामिल होंगे। बांग्लादेशी सैनिक मार्च के दौरान अपने साथ
बीडी-08 राइफल्स और चीनी टाइप 817.62 एमएम के हथियार का लाइसेंस-निर्मित
वैरिएंट लिए होंगे। बांग्लादेश बैंड दल के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल बेनजीर
ने दोनों देशों की रणनीतिक दोस्ती के 50 वर्षों पर गर्व करते हुए कहा कि
हमने साथ में संघर्ष किया, साथ में मार्च करेंगे।
भारतीय
सेना की झांकी में पूर्वी लद्दाख में चीन से मुकाबले के लिए तैनात टी-90
भीष्म टैंक राजपथ पर दौड़ेगा। इसके अलावा बैलेस्टिक मिसाइल
ब्रह्मोस, पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट सिस्टम, बीएमपी-2 टैंक, ब्रिज लेयर
टैंक, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर इक्विपमेंट सिस्टम और एयर डिफेंस
सिस्टम गणतंत्र दिवस परेड में सेना की झांकी का हिस्सा होगा। टी-90 भीष्म
टैंक के कमांडर कैप्टन करनबीर सिंह ने बताया कि यह टैंक थर्ड जनरेशन का
रशियन टैंक है, जिसे हम भीष्म कहते हैं। इसमें 125 एमएम की गन है जो पांच
तरह के एम्युनिशन (गोले) फायर कर सकती हैं। यह आर्मी का अकेला ऐसा टैंक है
जो गाइडेड मिसाइल भी फायर कर सकता है। टी-90 युद्धक टैंक को पूर्वी लद्दाख
में पैन्गोंग झील के दक्षिण किनारे में तैनात किया गया है जहां भारतीय सेना
अहम चोटियों पर मौजूद है। यह पहला मौका है जब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर
टी-90 टैंक की तैनाती की गई है।
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