आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के लिए राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया है। इससे राज्य चुनाव आयुक्त निम्मगड्डा रमेश कुमार के फैसले को झटका लगा है। न्यायालय ने कहा कि चुनाव अधिसूचना में राज्य चुनाव आयोग ने एक पक्ष का निर्णय लिया है और सरकारी पक्ष को ध्यान में लेना जरूरी था। कोविड महामारी के चलते राज्य सरकार स्थानीय निकाय चुनाव के पक्ष में नहीं थी।
सरकारी
अधिवक्ता का कहना है कि राज्य सरकार पंचायत चुनाव के लिये अनुकूल माहौल
नहीं होने का हवाला देते हुए पिछले कुछ समय से चुनाव आयोग से कोरोना
टीकाकरण प्रक्रिया खत्म होने के बाद ही चुनाव कराने की अपील कर रही थी। न्यायालय
के अनुसार अनुच्छेद 14 और 21 के मुताबिक नागरिकों के अधिकारों का हनन नहीं
होना चाहिए और इससे सर्वोपरि जनस्वास्थ्य भी अहम है।
सचिवालय
सूत्रों ने बताया कि बीते शुक्रवार को राज्य सरकार के मुख्य सचिव
आदित्यनाथ दास ने चुनाव आयोग से भेंट कर कोरोना के दूसरे फेज की आशंका
जताते हुए कोरोना टीकाकरण के प्रक्रिया खत्म होने तक चुनाव स्थगित करने की
मांग की थी इसके बावजूद चुनाव आयोग ने राज्य में पंचायत चुनाव कराने की
अधिसूचना जारी कर दिया था।
आंध्र
प्रदेश सरकारी कर्मचारी फेडरेशन और राज्य पुलिस अधिकारी संगठन ने आयुक्त
निम्मगड्डा रमेश द्वारा जारी अधिसूचना का विरोध किया था। साथ ही कहा था कि
कोरोना संक्रमण के समय चुनावी प्रक्रिया को रद्द कर दें और आरोप लगाए कि
चुनाव आयुक्त निम्मगड्डा आखिर कर्मचारियों को क्यों परेशान कर रहे हैं।
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