प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "नेताजी का संकल्प था कि भारत की जमीन पर आजाद भारत की आजाद सरकार की नींव रखेंगे। नेताजी ने अपना ये वादा पूरा करके भी दिखाया।प्रधानमंत्री ने कहा कि 'आज कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत ही भावुक कर देने वाला क्षण है। बचपन से जब भी ये नाम सुना नेता जी सुभाष चंद्र बोस, मैं किसी भी स्थिति परिस्थिति में रहा, ये नाम कान में पड़ते ही मैं एक नई ऊर्जा से भर गया। इतनी दूरदृष्टि कि वहां तक देखने के लिए अनेकों जन्म लेने पड़ जाएं, विकट परिस्थिति में भी उनमें इतना साहस कि दुनिया की कोई चुनौती ठहर ना पाए। मैं नेता जी को नमन करता हूं, उस मां को नमन करता हूं प्रभा देवी को जिन्होंने उन्हें जन्म दिया। इस मौके पर उन्होंने निर्भीक सुभाष प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर आयोजित 'पराक्रम दिवस' कार्यक्रम में बोल रहे थे।
प्रधानमंत्री
मोदी ने कहा, "नेताजी का संकल्प था भारत की जमीन पर आजाद भारत की आजाद
सरकार की नींव रखेंगे। नेताजी ने अपना ये वादा भी पूरा करके दिखाया ही नहीं
बल्कि उन्होंने अंडमान में अपने सैनिकों के साथ आकर तिरंगा भी फहराया था।
वर्ष 2018 में ही देश ने आज़ाद हिन्द सरकार के 75 साल को भी उतने ही धूमधाम
से मनाया था। नेताजी ने "दिल्ली दूर नहीं" का नारा देकर लाल किले पर झंडा
फैहराने का सपना देखा था, देश ने वो सपना पूरा किया।
जब
आजाद हिन्द फौज की कैप पहनकर मैंने लाल किले पर झंडा फहराया था, उस वक्त
मेरे मन मस्तिष्क में बहुत कुछ चल रहा था। बहुत से सवाल थे, बहुत सी बातें
थीं, एक अलग अनुभूति थी। मैं नेताजी के बारे में सोच रहा था, देशवासियों के
बारे में सोच रहा था। नेताजी किसके लिए जीवन भर इतना रिस्क उठाते रहे-
हमारे और आपके लिए। वो कई-कई दिनों तक आमरण अनशन किसके लिए करते रहे- आपके
और हमारे लिए। वो महीनों तक किसके लिए जेल की कोठरी में सजा भुगतते रहे-
आपके और हमारे लिए। विश्व युद्ध के माहौल में देशों के बीच पल-पल बदलते
रिश्तों के बीच क्यों वो हर देश में जाकर भारत के लिए समर्थन मांग रहे थे?
ताकि भारत आजाद हो सके, हम और आप आजाद भारत में सांस ले सकें।"
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