नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली का भारत दौरा 14 जनवरी को होगा। उनका यह दौरा ऐसे समय में होने जा रहा है जब पिछले साल सीमा गतिरोध की वजह से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में खटास आयी थी। इस ख़ास दौरे से पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने एकबार फिर पुराना राग अलापते हुए भारत के कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख क्षेत्र को लेकर कहा है कि दोनों देशों की बातचीत का यह मुख्य मुद्दा होगा।
नेशनल
असेंबली को संबोधित करते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने
रविवार को कहा कि विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली 14 जनवरी को भारत दौरे
पर जाएंगे। इस दौरान नेपाल के नये नक्शे पर भी बातचीत होगी और दोनों देशों के बीच बातचीत का यह प्रमुख मुद्दा होगा।
दोनों
देशों के संबंधों में आई कड़वाहट के बाद पहली बार नेपाल के विदेश मंत्री
का भारत दौरा होने जा रहा है। गौरतलब है कि नेपाल सरकार ने पिछले साल भारत
के कालापानी, लिम्पियाधुरा और लिपुलेख क्षेत्र पर अपना दावा करते हुए
विवादित नक्शा जारी किया था। नेपाल सरकार ने इसके लिए संविधान में संशोधन
भी किया था। भारत ने नेपाल के इस कदम का कड़ा प्रतिवाद किया।
माना
जा रहा है कि नेपाल की ओली सरकार ने चीन के प्रभाव में आकर भारत के खिलाफ
यह कदम उठाया। सीमा पर चीन की भारत के साथ चल रही तनातनी के बीच नेपाल के
इस रुख ने साफ कर दिया कि चीन के प्रभाव में नेपाल ऐसे कदम उठा रहा है। इस
घटनाक्रम के कारण नेपाल-भारत के बीच कुछ महीनों के लिए संबंधों में कड़वाहट
आ गयी थी। हालांकि संबंधों के दोबारा बहाली के लिए दोनों तरफ से लगातार
प्रयास किए गए। इसी सिलसिले में भारतीय सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे
नेपाल के तीन दिवसीय दौरे पर भी गए थे।
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