उदयपुर का प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ शनिवार को फूलों की भीनी भीनी खूशबू से महक उठा। रंग-बिरंगे फूलों की क्यारियों को देखने वालों के मन प्रफुल्लित हो उठे। मौका था प्रताप गौरव केन्द्र पर शुरू हुई पुष्प प्रदर्शनी का। प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ मे पुष्प प्रदर्शनी का उद्घाटन लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मोली खोलकर किया। शुभारंभ करने के पश्चात अतिथि लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, सेवानिवृत्त आईएफएस इन्द्रपाल सिंह मथारू, वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के अध्यक्ष बीएल चौधरी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक प्रमुख श्रीवर्धन ने वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। तत्पश्चात प्रताप गौरव केंद्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने केन्द्र का परिचय कराते हुए कहा कि कोरोना काल के पश्चात केन्द्र में सामाजिक सरोकार को इंगित करता यह पुष्प प्रदर्शनी का पहला कार्यक्रम है।
इस मौके पर लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि उदयपुर का नाम, मेवाड़ का नाम भारत ही नहीं विश्व में रोशन करने का कार्य उदयपुरवासियों ने किया। सुन्दर उदयपुर बनाने का पैगाम, इंसानियत का पैगाम हमारे यहां के युवाओं ने दिया है जो हमारी ताकत है।
इस अवसर पर प्रो. बीएल चौधरी ने कहा कि महाराणा प्रताप चाहते तो अपना जीवन आमोद प्रमोद मे व्यतीत कर सकते थे परन्तु उन्होंने अकबर की अधीनता स्वीकार न करते हुए स्वाभिमान से जीने का समाज को संदेश दिया।
श्रीवर्धन ने कहा कि जो देश समाज के लिए कुछ कार्य करता है, दुनिया उसे याद करती है। सपूत वह होता है जो अपने पूर्वजों की संपत्ति को बढ़ाए। महाराणा प्रताप ने अकबर के सामने सिर न झुकाते हुए मेवाड़ के आन-बान-शान की रक्षा की। पैसे से कोई बड़ा नहीं होता।
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