मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को प्रसारित अपनी मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 15वीं कड़ी में ’उपयोगी निर्माण-जन हितैषी अधोसंरचनाएं और आपकी अपेक्षाएं’ विषय पर प्रदेश की जनता की खुशहाली और विकास को लेकर राज्य सरकार के विजन पर अपने विचार विस्तार से रखे।
लोकवाणी में आम जनता से राज्य सरकार की योजनाओं पर मिलता है फीडबैक
मुख्यमंत्री ने श्रोताओं का अभिवादन करते हुए छत्तीसगढ़ी में कहा-सब्बो झन ला मोर जय जोहार, नमस्कार, जय सियाराम। लोकवाणी मं आके मोला अब्बड़ खुसी लागथे, काबर कि हमन सरकार मं बइठके जउन निरनय लेथन, वो बात ल आप सब झन कइसे समझथव, अऊ योजना मन ल कइसे अपनाथव, ऐखर बारे मं मोला सब जानकारी लोकवाणी ले हो जाथे। आप मन ले गोठ-बात करके हमर आत्मविश्वास घलो बाढ़थे, अऊ काम करेके नवा रद्दा घलो मिलथे। तेखर बर जम्मो ‘लोकवाणी’ सुनइया मन ल, गाड़ा-गाड़ा सुभकामना अऊ धन्यवाद।
श्रोताओं ने कहा ‘नरवा, गरवा, घुरवा और बारी’ प्रोजेक्ट से गांवों में मिली अधोसंरचना को दिशा
लोकवाणी के लिए रिकार्ड कराए गए अपने संदेश में बेमता के भूपेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद किसानों को काफी राहत मिली। महासमुंद जिले की बम्हनी ग्राम पंचायत की रूक्मणी पाल ने बताया कि उनके जय मां सरस्वती महिला स्व-सहायता समूह ने गोबर से 200 क्विंटल खाद बनाई, जिससे 1 लाख 77 हजार रुपए आय हुई।
जल संरक्षण और संवर्धन के लिए 30 हजार नरवा चिन्हांकित
मुख्यमंत्री ने श्रोताओं से रू-ब-रू होते हुए कहा कि निश्चित तौर पर ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बारी’ हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट है और इसकी शुरुआत हमने छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी को बचाने के लिए किया था। नरवा के काम में पंचायत और ग्रामीण विकास, जल संसाधन विकास विभाग, वन विभाग आदि की मदद ली जा रही है। लगभग 30 हजार नरवा चिन्हांकित किए गए हैं और लगभग 5 हजार नरवा विकास का काम काफी आगे बढ़ चुका है।
मुख्यमंत्री ने श्रोताओं से रू-ब-रू होते हुए कहा कि निश्चित तौर पर ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बारी’ हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट है और इसकी शुरुआत हमने छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी को बचाने के लिए किया था। नरवा के काम में पंचायत और ग्रामीण विकास, जल संसाधन विकास विभाग, वन विभाग आदि की मदद ली जा रही है। लगभग 30 हजार नरवा चिन्हांकित किए गए हैं और लगभग 5 हजार नरवा विकास का काम काफी आगे बढ़ चुका है।
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