कोलकाता में रहने वाले मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार रामलोचन ठाकुर शुक्रवार सुबह से लापता हैं। ठाकुर अल्जाइमर से ग्रसित हैं। इस बीमारी में याददाश्त चली जाती है। वह 12 फरवरी की सुबह अपने घर से निकले थे। तब से उनका कोई सुराग नहीं मिल रहा है। उनका निवास कोलकाता में दमदम के पास इटालगच्छा रोड इलाके में है। इस बारे में पुलिस को भी सूचना दी गयी है। 72 वर्षीय साहित्यकार की गुमशुदगी से उनके परिजनों और मैथिली साहित्य प्रेमियों में चिंता व्याप्त है ।
मैथिली
में मौलिक लेखन के अलावा उन्होंने बांग्ला की कई पुस्तकों का मैथिली
अनुवाद भी किया है, जिनमें माणिक बंदोपाध्याय, शक्ति चट्टोपाध्याय एवं
हुमायूं अहमद की पुस्तकें शामिल हैं। वह कई पत्रिकाओं के सम्पादक भी रहे
हैं। वर्तमान में में वह मिथिला दर्शन नामक पत्रिका का सम्पादन कर रहे थे।
वयोवृद्ध लेखक के परिजनों
ने उन्हें ढूंढने में मदद की गुहार आम लोगों से लगाई है। इसके लिए मोबाइल
नम्बर (9433912135) या उनके नाती आलोक ठाकुर के मोबाइल नम्बर (90072
67031) जारी किया गया है।
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