चौरी-चौरा शताब्दी समारोह को यादगार और ऐतिहासिक बनाने में प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है। प्रशासन ने समारोह से सम्बंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसमें कहीं कोई कमी न रह जाए, इसलिए खुद इसकी निगरानी प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री
मोदी गुरुवार को समारोह का शुभारम्भ करेंगे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी
कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से जुड़ेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार
को ही गोरखपुर पहुँँच जाएंगे। प्रदेश सरकार इस समारोह को इस साल 4 फरवरी से
अगले साल 4 फरवरी तक विभिन्न कार्यक्रमों के मनाने का निर्णय किया है।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी गुरूवार को दिन में 11 बजे वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम
से समारोह का शुभारंभ करेंगे।इस अवसर पर प्रधानमंत्री शताब्दी समारोह को
समर्पित एक डाक टिकट भी जारी करेंगे। समारोह में हिस्सा लेने के लिए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आ जाएंगे। मंदिर
में रात्रि विश्राम करेंगे और गुरूवार को समारोह में शामिल होंगे।
- व्यक्तिगत गायन के 50 हजार वीडियो एक साथ होंगे अपलोड
योगी
सरकार एक तय समय में वंदेमातरम गायन के व्यक्तिगत 50 हजार वीडियो अपलोड कर
इसे 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज कराएगी। इतनी बड़ी संख्या में
विडियो बनाने और उन्हें तय समय में अपलोड करने में बेसिक से लेकर उच्च
शिक्षा तक के विद्यालयों की बड़ी भूमिका होगी।
प्रमुख
सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि एक वीडियो में एक ही व्यक्ति
सैल्यूट की मुद्रा में नजर आना चाहिए।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी
वन्दे मातरम गायन का वीडियो अपलोड किया जाएगा।यह अपलोडिंग चीन के रिकार्ड
को तोड़ेगी और नया किर्तिमान स्थापित करेगी।
चौरी-चौरा से हटेगा कांड शब्द
चौरी-चौरा
कांड से 'कांड' शब्द हटाकर ‘जनाक्रोश’ शब्द जोड़ने की तैयारी है। केंद्र
सरकार की ओर से गठित भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद ने स्वतंत्रता संग्राम
से जुड़े ऐसे 56 शब्दों को चिह्नित किया है, जो स्वतंत्रता संग्राम के
इतिहास के महत्व को कम करते हैं। परिषद इन शब्दों में बदलाव कर नई शब्दावली
तैयार कर रहा है। परिषद इन शब्दावली में बदलाव संबंधी प्रस्ताव मानव
संसाधन मंत्रालय को भेजेगी, वहां से स्वीकृति के बाद ‘चौरी चौरा कांड’ जैसे
शब्द इतिहास के पन्नों में बदल जाएंगे। इसका मूल कारण है कि स्वतंत्र भारत
के इतिहास लेखन में आजादी के दौरान घटित कई घटनाओं को बिल्कुल उसी तरह से
दर्ज कर दिया गया, जैसा कि ब्रिटिश दस्तावेज में था। इस वजह से इनका सही
अर्थ नहीं निकल पाता। जबकि स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी यह घटना कांड,
बल्कि नहीं जनाक्रोश था।
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