दिल्ली हाईकोर्ट ने अल्पसंख्यक आयोग के खाली पदों पर केंद्र सरकार से जवाब तलब दिया है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने केंद्र सरकार से पूछा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सात पदों में से छह पद क्यों खाली हैं। कोर्ट ने केंद्र सरकार को दस दिनों में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 8 मार्च को होगी।
यह
याचिका अभय रतन बौद्ध ने दायर की है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर
से एएसजी चेतन शर्मा ने इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय को पक्षकार
बनाये जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय की
नियुक्ति प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं है। उसके बाद कोर्ट ने
प्रधानमंत्री कार्यालय को पक्षकारों की सूची से नाम हटाने का आदेश दिया।
याचिका
में कहा गया है कि फिलहाल अल्पसंख्यक आयोग में केवल उपाध्यक्ष हैं जबकि
बाकी छह पद खाली हैं। याचिका में कहा गया है कि कोरम के अभाव में आयोग अपना
काम नहीं कर पाता और वह अल्पसंख्यक समुदाय की शिकायतों का समाधान नहीं कर
पाता है। याचिका में कहा गया है कि अल्पसंख्यक आयोग में खाली पदों पर
नियुक्ति जानबूझकर नहीं की जा रही है। ऐसा करना राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग
कानून का उल्लंघन है। सुनवाई के दौरान चेतन शर्मा ने कोर्ट को बताया कि
आयोग के उपाध्यक्ष कई राज्यों का दौरा कर रहे हैं लेकिन उनकी इस दलील को
कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ।
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