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Monday, 1 March 2021

मेरी कलम से... आशीष त्रिपाठीयुवाओं के भटकने का कारण... अंजनी

मेरी कलम से... आशीष त्रिपाठी
युवाओं के भटकने का कारण...
 

  भारत विश्व का सबसे ज्यादा  कम उम्र  मतलब युवा  जोश वाला  शक्ति वाला  नवयुवक वाला देश है  जहां  युवा  इतनी  अधिक मात्रा में  हैं  वही  भारत  सबसे ज्यादा युवाओं के शक्ति का दुरप्रयोग  भी  भारत में ही  है  यह मुझे बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है  हालाकी  इसमें  किसी  सरकार या प्रशासन का दोष है ऐसा मैं नहीं कह रहा हूं!

ऐसा इसलिए क्योंकि  अगर हमारे पास क्षमता है  तो हम  किसी से  उम्मीद उतनी ही करेंगे  जितना कि  हमारे आत्मसम्मान तक सीमित रहें  लेकिन  यहां का युवा  तो केवल  मदद  के ही भरोसे अपना जीवन यापन करना चाह रहा है  वह यह नहीं चाहता  या सोच नहीं पा रहा कि उसकी खुद की  क्या क्षमता और  उसका प्रयोग क्या है आज का युवा दूसरों से अपेक्षित होकर कहीं ना कहीं  खुद को  मानसिक और शारीरिक रूप से  ना चाहते हुए भी  विकलांग कर रहा है यह दूसरे से मदद लेने की मानसिकता ही कहीं ना कहीं हमें आत्मनिर्भर होने से रोक रही है आप जब भी किसी से मदद लेने की कोशिश करेंगे या आशा में रहेंगे तब तक आप अपने पैरों पर नहीं खड़े हो पाएंगे यह तो 100 % हंड्रेड परसेंट  sure है मदद और सहायता के बिना मानव जीवन असंभव  ह एक दूसरे के सहयोग से ही जीवन आगे बढ़ता है लेकिन इसका कतई मतलब नहीं है कि आप केवल मदद के ही भरोसे रहे .

मुझे ऐसा लगता है की आज का युवा  की सबसे बड़ी समस्या यही है वह आत्मनिर्भर नहीं बनना चाहता ऐसे बहुत  कम युवा हैं जो अपनी क्षमता पर काम कर रहे हैं और जो ऐसा कर रहे हैं वह सफल भी हैं  अपनी क्षमता के अनुरूप लेकिन ज्यादातर युवा जो अपनी क्षमता पर काम नहीं करना चाहता  इनका प्रतिशत ज्यादा है यही कारण है कि  भारत में सबसे ज्यादा  युवा शक्ति होने के बावजूद भी  यहां आर्थिक संकट  जीडीपी की ग्रोथ  हमेशा  नीचे ही रहती है युवा शक्ति होने के बावजूद भी आज हमारा देश  कृषि प्रधान देश की  श्रेणी में  जाना जाता है  तकनीक विज्ञान  इतना आगे होने के बावजूद आज भी हम  अमेरिका रूस जापान  जर्मनी  चाइना  जैसे देशों पर 70%  हर क्षेत्र  चाहे वह तकनीक हो स्वास्थ्य हो  और भी दूसरी जरूरी  चीजों म में दूसरों  देशों पर  निर्भर है . 

हालांकि  क्रांतिकारी बदलाव होने शुरू हो गए हैं 2014 के  आम चुनाव के बाद देश की परिस्थिति  बदली है  देश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में  काम कर रहा है  लेकिन आजादी मिले हमें  75 वर्ष हो गए  किंतु  हम आज भी  विकसित देशों की श्रेणी में  नहीं आ पा रहे हैं इसका मुख्य कारण है  युवाओं की  क्षमता  ऊर्जा शक्ति का  सही उपयोग ना किया जाना यहां मैं बता दूं मैं कोई  किसी पार्टी का पक्ष नहीं रखने आया हूं किंतु  मैंने जो  एक 25 साल का युवा होने के नाते अपनी अब तक की जिंदगी में जो अनुभव किया है   उसके हिसाब से अपनी बात को कहने का प्रयास  कर रहा हूं आज विश्व की तकरीबन जनसंख्या में युवाओं का प्रतिशत है सबसे ज्यादा    भारत में है लेकिन सबसे ज्यादा बेरोजगार युवा भी भारत में है यह कटु सत्य है. 

हमारा युवा या कोई भी  देश का युवा आज भटक रहा है उसको यह नहीं पता कि वह अपने जीवन यापन सुचारू रूप से कैसे करें और इसका सबसे बड़ा कारण है वह अपनी खूबी को नहीं जान पा रहा या जान भी रहा है तो उस पर काम नहीं कर रहा अपनी क्षमताओं का उपयोग करने की उसमें कला नहीं हमारे देश की भारत की आबादी इस समय तक 130 करोड़ के ऊपर हो चुकी है जिसमें अधिकतर बेरोजगार युवा यह तो अपनी जिंदगी से तंग आकर गलत काम कर रहे हैं या तो ऐसा काम कर रही है जो  उन्हें नहीं करना चाहिए सुसाइड आत्महत्या करना   तो मानो युवाओं की परंपरा होती जा रही है अब इसका सबसे बड़ा कारण है कि अपनी इच्छाओं के अनुरूप काम ना कर पाना या अपनी उम्र में ज्यादा उम्मीदें रख लेना छमता के विपरीत काम करना

  हर मां बाप अपना बच्चे को सफल देखना चाहते हैं ऐसा कोई नहीं jo बच्चे  का अहित सोचते होंगे लेकिन  समाज के  दिखावे या खुद के  इच्छा  के अनुरूप बनाने में उस बालक की  इच्छा को भूल जाते हैं  जिसे  आगे बढ़ना मुझे लगता  है यदि मां बाप अपने बच्चों को केवल उसका इंटरेस्ट पहचान कर उसके क्षमता पर काम करने पर जोर दें और शुरू से ही उसे यह सिखाएं कि आप इस दिशा में अच्छे हो और आप का  yah इंटरेस्ट है आप इस दिशा में अच्छा करोगे और  आपको किसी के कहने पर काम करने की जरूरत नहीं है  केवल अपने इंटरेस्ट आफ एरिया  पर ही काम करना  है केवल.

   उसे इतना भरोसा दें कि आप  बिना दबाव के अपने इंटरेस्ट पर काम करिए और आगे बढ़े  और   मां बाप को  बच्चे को  अप्रिशिएट  करना उसका सपोर्ट करना और उसके अंदर लीडरशिप नेतृत्व क्षमता, फैसले लेने की क्षमता ,  कि वह क्या चाहता है यह जानने की भी कोशिश करें ,अगर मां-बाप का अनुभव है उसे उसके कहे गए बात में तो  हानि लाभ समझाएं और फैसले लेने के लिए उसकी सुनें न की अपने या किसी और के फैसले पर     निर्भर करें बच्चे को  शुरू से ही यह बात क्लियर कर दे  की  तुम जो करोगे /करोगी  उससे  किसी और का हानि लाभ नहीं केवल तुम्हारा ही  बनेगा या बिगड़ेगा जीवन में जो भी करोगे उसका हानि लाभ  केवल  उसे निपटना होगा किसी को कोई फर्क नहीं पड़ना यह क्लियर होना ही चाहिए .

एक बार बच्चे के अंदर फैसले लेने की क्षमता आ गई आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि वह युवा होते होते कुछ ऐसा कर जाएगा जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते उसे किसी के सहारे की जरूरत नहीं रहेगी स्वावलंबी जीवन जिएगा यकीनन!

   गलतियां क्या  करते हैं  हर मां बाप ज्यादातर मुख्य वजह सामने  आती है  की बच्चा पैदा होता है 2 साल 3 साल खाया पिया इसके बाद बच्चों से मां-बाप उम्मीद करने लगती जबकि वह अभी ठीक से पोषित भी नहीं हुआ उस पर पढ़ाई का बोझ पढ़ाई को उसकी नजर में बचपन से ही विलन साबित कर दिया जाता है यही कारण है कि बच्चा हमेशा पढ़ाई को दूर से देखकर ही भागता रहता है किंतु कभी एक अच्छा छात्र नहीं बन पाता पढ़ाई के क्षेत्र में वह जीवन के 25 साल पढ़ाई में लगाने के बावजूद पढ़ाई के क्षेत्र में कुछ नहीं कर पाता यही गलती लगभग हर परिवार के बच्चों के साथ होती हैं और यही कारण है कि आजकल के बच्चे बड़े होकर ज्यादातर या तो बेरोजगार हैं यह तो अपनी क्षमता के अनुकूल काम नहीं कर पा रहे हैं.

 मुझे लगता है कि हर बच्चा अलग तरह की खूबी के लिए बना है और हर मां-बाप की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चे की उस खूबी को ध्यान दें और यह काम  बच्चे के  बचपन से ही शुरू होता है

  केवल  मां-बाप और अभिभावक उसकी खूबी को पहचान कर उसके कैरियर  और उसे  उसके  इंटरेस्ट ऑफ़ एरिया में बढ़ने में उसका साथ दें तभी एक युवा सामर्थ वान बनेगा समस्या से ऊपर सोच पाएगा    तभी देश का युवा कुछ अलग कर पाएगा और अपने साथ न्याय कर पाएगा.

 अन्यथा यह स्थित साल दर साल दशक दर दशक गंभीर समस्या होती रहेगी हमेशा परेशानी का कारण बनी रहेगी देश आर्थिक संकट से जूझता रहेगा इसलिए किसी भी देश का युवा समर्थ वान रहेगा तभी उस देश की उन्नति शिखर तक पहुंचेगी.

और मुझे लगता है कि यह हर अभिभावक मां-बाप का नैतिक कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों को ऐसी परवरिश दे की और किसी के सहारे जीवन जीने का mohtaj न हो और यह तभी होगा जब balak apni kshamta ko जानेगा अपने इंटरेस्ट को आगे ले जायेगा किसी के कहे या किसी को देखकर आगे बढ़ने का प्रयास ना करे  

ऐसा करने पर निश्चित तौर पर हर युवा आगे बढ़ेगा और अपनी क्षमता का सदुपयोग करके अपने आपकी सुन के आज तक के युवाओं से बेहतर और एक जिम्मेदार युवा ban कर देश की उन्नति में अपना सह योग दान देगा ना कि देश के लिए मजबूरी बनेगा   !

आशा है कि मेरे कहे गए बातों से आप भी इत्तेफाक रखते होंगे और मेरी कही गई बातों का आप ध्यान अवश्य देंगे ऐसा मुझे विश्वास है
धन्यवाद सदा मुस्कुराते रहो आपका अपना आशीष त्रिपाठी
रिपोर्ट - अंजनी त्रिपाठी
प्रयाग राज

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