करैली के एक गेस्ट हाऊस मे ओलमाओं ने सै०नक़ी अख्तर की उसूले अक़ायद के संग्रह की बुनयाद पर लिखी गई दो किताबों उसूले दीन और फूरुए दीन का विमोचन किया गया।रस्मे इजरा के मुख्य अतिथि मौलाना सै०कम्बर रिज़वी रायबरैली और मौलाना सै०रज़ी हैदर की अध्यक्षता मे हुए कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता सै०जवादुल हैदर रिज़वी ने कहा की जो बातें क़ुरआन और हदीस की रौशनी मे क़लम की सूरत में किताब में क़ैद हो जाएँ उसे झुठलाना नामुमकिन है।मौलाना रज़ी हैदर ने संगीन मौज़ू पर लिखी किताब के लिए किताब के लेखक सै०नक़ी अख्तर को बधाई दी।कहा आप मुबारकबाद के मुसतहक़ हैं।
मौलाना सै०क़म्बर रिज़वी ने किताब की तारीफ करते हुए कहा इल्म का कुल सरमाया अहलेबैत से आया।डॉ०रिज़वान हैदर व डॉ०सग़ीरुल मेंहदी ने किताब को अंग्रेज़ी और हिन्दी मे भी छपवा कर पुस्तकाल्य मे रखने पर ज़ोर दिया।कहा इससे दूसरे धर्म और ग़ैर उर्दू जानने वालों को भी फायदा मिल सके।कार्यक्रम में किफायत हुसैन,हसन अख्तर,हसन सग़ीर,गौहर काज़मी,मंज़र काज़मी,शाहिद अब्बास,सै०मो०अस्करी,कमाल हैदर कम्मू,ज़ीशान मेंहदी,गुड्डू बारादरी आदि उपस्थित थे।
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