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Wednesday, 3 March 2021

कृषि का रकबा बढ़ाने के लिये नई तकनीक का प्रयोग करें: ओम बिरला

 अखिल भारतीय ट्रेडर्स एवं खाद्य पदार्थ कन्वेसिंग एजेंट एसोसिएशन, कोटा द्वारा रविवार को हरियाली रिसोर्ट में चौथा राष्ट्रीय धनिया सेमिनार-2021 आयोजित की गया। उद्घाटन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि धनिये के उत्पादन एवं खपत दोनों में विश्व के अन्य देशों से हम आगे है। चूंकि भारतीय मसालों की क्वालिटी एवं वैरायटी सबसे बेहतर है, इसलिये भारतीय मसाले दुनियाभर में निर्यात हो रहे हैं। किसान, व्यवसायी, निर्यातक एवं वैज्ञानिक मिलकर इस बात का प्रयास करें कि भारत धनिये का प्रमुख निर्यातक केंद्र बन जाये। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि देश के सभी सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में व्यापक कार्ययोजना बनाकर किसानों को नई तकनीक से जोडें जिससे उनकी आय बढाने में सफलता मिल सके। देश का किसान सशक्त व समृद्ध होगा तो हम आत्मनिर्भर भारत का परिकल्पना साकार कर सकेंगे।  

राज्य में रकबा कम होना चिंताजनक

बिरला ने इस बात पर चिंता जताई कि राजस्थान में धनिये का रकबा कम होता जा रहा है। इसके लिये किसान, व्यापारी, कृषि वैज्ञानिक मिलकर कृृषि में नवाचार एवं नई तकनीक का उपयोग बढ़ाने के लिये प्रभावी कार्ययोजना बनायें। देश में वर्षों से परम्परागत खेती चली आ रही है, जिससे रकबा घटता जा रहा है। इसके लिये कृषि में नई वैज्ञानिक तकनीक एंव बीजों के अनुसंधान को गांवों के किसानों तक पहुंचायें। खेती को नये तरीके से करेंगे तो आमदनी भी दोगुना होगी।



वैज्ञानिक रिसर्च किसानों तक पहुंचाएं
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में जलवायु, बिजली, पानी के संसाधन अलग-अलग है, हाडौती इस मामले में बहुत समृद्ध है, इसीलिये कोटा व रामगंजमंडी के धनिये की खुशबू देश-विदेश तक फैलती है। सांसद होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि क्षेत्र का किसान सक्षम एवं समृद्ध हो। इसके लिये कोटा कृषि विश्वविद्यालय व निजी विश्वविद्यालय के साथ व्यवसायी, निर्यातक एवं कृषि वैज्ञानिक मिलकर एक राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करें, जिसमें 5-5 विद्यार्थियों को एक साल के लिये किसानों के साथ जोड़ने का लक्ष्य हो। वैज्ञानिक रिसर्च कर बतायें कि किसानों को कब, कैसे और कौनसी पैदावार करना है। उन्हें गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध हो जिससे कम भूमि में अधिक पैदावार हो सके।

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