पूर्व
केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के
बाद सोनिया गांधी के गढ़ में भी सियासी हलचल शुरू हो गई है। विधायक अदिति
सिंह ने भी कांग्रेस छोड़कर अन्य दलों में अपना भविष्य तलाशने की बात कही
हैं।पहले ही अपने बागी तेवरों से पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाली
अदिति सिंह को कांग्रेस ने निलंबित कर रखा है। पार्टी की ओर से उनकी
विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की भी अपील की गई थी जो खारिज हो गई।
अदिति
सिंह ने बुधवार को लखनऊ में दिए गए अपने बयान में कहा कि अब समय आ गया है
कि वह कांग्रेस छोड़कर अपने भविष्य तय कर लें और वह यह तय करेंगी कि उन्हें
किस पार्टी से चुनाव लड़ना है।
जितिन
प्रसाद के पार्टी छोड़ने पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी के लिये बड़ी क्षति
है और पार्टी को इस विषय मे आत्ममंथन करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि पार्टी
को सोचना चाहिये कि ज्योतिरादित्य सिंधिया औऱ जितिन प्रसाद जैसे नेता क्यों
पार्टी छोड़कर जा रहे हैं और कांग्रेस अब एक परिवार की पार्टी बनती जा रही
है।
उन्होंने
कहा कि पार्टी को ज़मीन पर काम करने की जरूरत है। प्रियंका वाड्रा की बाबत
उन्होंने कहा कि वह उनके विषय में कुछ नहीं कहती बल्कि पार्टी के हित में
ही सवाल उठाती हैं। अगर इसमें किसी को बुरा लगे तो वह क्या कर सकती हैं।
गौरतलब
है कि कभी गांधी परिवार की नजदीकी रही विधायक अदिति सिंह अब कांग्रेस
हाईकमान पर सवाल उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं। पार्टी व्हिप के खिलाफ
जा कर मतदान करने व धारा 370 का खुलकर समर्थन कर चुकी हैं।
योगी
आदित्यनाथ को अपना गुरु बता चुकी अदिति सिंह के भाजपा में जल्द ही शामिल
होने के कयास लग रहे हैं। इससे उत्तर प्रदेश के कांग्रेस के एकमात्र गढ़ में
पार्टी के लिए मुश्किलें जरूर खड़ी हो सकती है।
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