भारत में एक दिन में कोविड-19 के 16,862 नए मामले सामने आने के बाद देश में
संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,40,37,592 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की
संख्या घटकर 2,03,678 हो गई, जो 216 दिन में सबसे कम है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह आठ बजे जारी किए गए
अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 379 और लोगों की मौत के बाद मृतक
संख्या बढ़कर 4,51,814 हो गई। देश में लगातार 21 दिनों से कोविड-19 के
दैनिक मामले 30 हजार से कम हैं और 110 दिन से 50 हजार से कम नए दैनिक मामले
सामने आ रहे हैं। देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी घट कर 2,03,678
रह गई है, जो कुल मामलों का 0.60 प्रतिशत है। यह दर मार्च 2020 के बाद से
सबसे कम है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 2,908 कमी
दर्ज की गई। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.07 प्रतिशत है, जो
मार्च 2020 के बाद से सर्वाधिक है।
आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी
तक कुल 58,88,44,673 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से
11,80,148 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई। दैनिक संक्रमण दर 1.43
प्रतिशत है, जो पिछले 46 दिनों से तीन प्रतिशत से कम है। वहीं, साप्ताहिक
संक्रमण दर 1.42 प्रतिशत है, जो पिछले 112 दिन से तीन प्रतिशत से कम बनी
हुई है। अभी तक कुल 3,33,82,100 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि
मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक
कोविड-19 रोधी टीकों की 97.14 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को
30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल
मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29
अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19
दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और
23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
आंकड़ों के अनुसार, देश में
पिछले 24 घंटे में जिन 379 लोगों की मौत संक्रमण से हुई, उनमें से हरियाणा
के 174 लोग, केरल के 96 लोग और महाराष्ट्र के 35 लोग थे।
मंत्रालय ने बताया कि हरियाणा ने राज्य मृत्यु लेखा परीक्षा समिति की रिपोर्ट के बाद मृतक संख्या में इजाफा किया है।
आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण से अभी तक कुल 4,51,814 लोगों की मौत
हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 1,39,705 लोग, कर्नाटक के 37,922 लोग,
तमिलनाडु के 35,853 लोग, केरल के 26,667 लोग, दिल्ली के 25,089 लोग, उत्तर
प्रदेश के 22,897 लोग और पश्चिम बंगाल के 18,945 लोग थे।
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