गंगा नदी और रामगंगा के तट पर बसे गांवों की करीब 80 महिलाओं का समूह बल्ब
और रोशनी वाली लाइटें बनाने का काम सीख रहा है। कभी उत्तर प्रदेश के इस
इलाके में डकैतों का आतंक हुआ करता था। आज शाहजहांपुर के भारतीय उद्योग संघ
की पहल पर यहां की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए
प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जिला मजिस्ट्रेट विक्रम सिंह ने कहा कि
इस पहल का मकसद ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त करना
है। इससे यहां कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
सिंह ने इस पहल को असाधारण बताते हुए कहा कि इसके जरिये हमारी चीन
पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। ‘‘इससे बेरोजगार महिलाओं को
आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।’’
भारतीय उद्योग संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने
पीटीआई-भाषा से कहा कि इस पहल की शुरुआत शाहजहांपुर से हुई है और अभी 80
महिलाएं इसका हिस्सा हैं। ये महिलाएं गंगा नदी और रामगंगा क्षेत्रों के
गांवों से आती हैं, जहां कभी डकैतों का आतंक होता था।
उन्होंने बताया कि इन महिलाओं को लखनऊ के प्रशिक्षक विवेक सिंह
प्रशिक्षण दे रहे हैं। अग्रवाल ने कहा, ‘‘इन महिलाओं को बल्ब, दिवाली पर
रोशनी वाली लाइटें बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि इन महिलाओं द्वारा उत्पादित उत्पाद बड़ी कंपनियां सीधे खरीदेंगी। कच्चा माल भी यही कंपनियां उपलब्ध कराएंगी।
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Monday, 25 October 2021

कभी डकैतों का रहा था आतंक, आज यहां की 80 महिलाएं सीख रही हैं बल्ब, लाइट बनाना
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